भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी 2018 में जारी एक सर्कुलर उसके और नरेंद्र मोदी सरकार के बीच तकरार की वजह बन गया है. जिसमें कहा गया है कि सभी बड़े कॉरपोरेट समूह, जो बैंकों से लिए गए ऋण की पुनअर्दायगी करने में नाकाम रहते हैं, उन्हें 1 अक्टूबर, 2018 से दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया में शामिल होना पड़ेगा.
राष्ट्रीय किसान महासंघ ने देश भर में एक जून से दस दिनों तक सब्जियों, अनाजों और दूध जैसे कृषि उत्पादों की आपूर्ति नहीं करने की घोषणा की है.
पॉक्सो एक्ट में बड़ा बदलाव, 12 साल से कम उम्र के बच्चों से रेप पर होगी फांसी की सज़ा.
भारत बंद पर सोशल मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा को देखते हुए ये महसूस हुआ कि पुलिस और सरकार की विफलता पर बात नहीं करने की होशियारी और हिंसा के नाम पर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की चालाकी ज़्यादा ख़तरनाक हिंसा है.
लोग अब समझने लगे हैं कि अपने संकीर्ण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सत्ताधारी जमातें भले डॉ आंबेडकर की मूर्तियां लगवा दें, मगर तहेदिल से वह मनु की ही अनुयायी हैं.
दलितों का ग़ुस्सा इस बिना पर है कि वे समझते हैं कि लंबे संघर्ष के बाद उन्हें जो संवैधानिक व क़ानूनी अधिकार मिले हैं, सत्तारूढ़ भाजपा व उसका मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें छीनना चाहते हैं.
जन गण मन की बात की 220वीं कड़ी में विनोद दुआ एससी-एसटी क़ानून में बदलाव के ख़िलाफ़ हुए भारत बंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चर्चा कर रहे हैं.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बेघरों को आश्रय देने के तमाम दावे भले ही करें लेकिन हक़ीक़त यह है कि देश की राजधानी में मौजूद रैनबसेरे दिखावा मात्र हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन किसी काम का नहीं है.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, जब तक आप चुनाव के लिए धन के रास्ते नहीं खोज लेते, तब तक आप भ्रष्टाचार कम नहीं कर पाएंगे.
बसपा प्रमुख का आरोप, भाजपा ने राजनीतिक स्वार्थ में संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र को कमज़ोर किया, तानाशाही और मनमानी चल रही है.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार लिखते हैं,‘ये इवेंट सरकार है. आपको इवेंट चाहिए इवेंट मिलेगा. किसी भी चीज़ को मेक इन इंडिया से जोड़ देने का फन सबमें आ गया जबकि मेक इन इंडिया के बाद भी मैन्यूफैक्चरिंग का अब तक का सबसे ख़राब रिकॉर्ड है.’
नीट परीक्षा के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली दलित छात्रा अनीता ने 1 सितंबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
मंत्रिमंडल के विस्तार को दंत कथाओं में मत बदलिए. ये सिर्फ राजनीतिक जुगाड़ का विस्तार है. मंत्री फेल नहीं हुए हैं, सरकार फेल हुई है, वो आइडिया फेल हुआ है जिसमें ज़बरन हवा भरी जा रही थी.
अनीता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तमिलनाडु को नीट परीक्षा से छूट दिए जाने की मांग की थी.