‘तुझको तेरी जेटली की कसम, ओ प्यारे मोदी ये ज़ुल्म न कर’

धार्मिक भावना से लैस राजनीति और नेता में धार्मिक प्रवृत्ति, जनता के बड़े समूह का चरित्र किस तरह से बदल देती है, सूरत का आंदोलन उसकी मिसाल पेश कर रहा है.

‘अकेला सलीम 53 श्रद्धालुओं को बचा ले गया, लेकिन पूरी ट्रेन एक जुनैद को न बचा सकी’

मोदी की ​कश्मीर-नीति पर बरसी कांग्रेस, राहुल गांधी बोले- मोदी की नीतियों के कारण आतंकियों को कश्मीर में मौका मिला, सिंघवी ने कहा- मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की जिम्मेदारी लें.

नीतीश कुमार को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए: रामचंद्र गुहा

नीतीश को अध्यक्ष बनाने का सुझाव देते हुए गुहा ने बताया कि वे ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कांग्रेस बगैर नेता वाली पार्टी है और नीतीश बगैर पार्टी वाले नेता हैं.

इज़रायल नीति में बदलाव से क्या ​हासिल होगा?

मैं यह नहीं कहना चाहता कि किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को कभी इज़रायल नहीं जाना चाहिए. लेकिन ये यात्रा कुछ इस तरह से हुई जैसे अरब कहीं है ही नहीं और फिलिस्तीनी देश बस एक मिथक है. उस पवित्र ज़मीन की एकमात्र हकीकत इज़रायल, इज़रायल और सिर्फ इज़रायल है.

अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला, सात की मौत और 15 घायल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अमरनाथ यात्रा पर जा रहे यात्रियों पर कायराना हमले से असहनीय दुख पहुंचा है. हर किसी को इस हमले की कठोरतम निंदा करनी चाहिए.'

द मिनिस्ट्री आॅफ अटमोस्ट हैपीनेस: प्रेम, हिंसा और भय का आख्यान

अरुंधति रॉय आज के भारत के सीमांत पर उपज रही कल्पनाओं, हसरतों, प्रतिरोधों और गरिमा से जीने की ललक को इस नये उपन्यास में उकेरने का प्रयास करती हैं.

‘राष्ट्रवाद पर गोलवरकर के विचारों को सही तरीके से समझा नहीं गया’

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से गठित इंडियन काउंसिल फॉर फिलॉसफिकल रिसर्च का मानना है कि गोलवरकर के विचारों को सही परिप्रेक्ष्य में समझे जाने की ज़रूरत है.

जीएसटी से एक लाख कंपनियों के बंद होने का मोदी का दावा कितना सही है?

जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन एक लाख कंपनियों पर ताला लगने का दावा किया है, उनके संबंध में वस्तुगत स्थिति का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.

क्या मोदी मजबूत चुनाव आयोग नहीं चाहते?

झूठे प्रचार और अफवाह सिर्फ संस्थानों को ही नुकसान नहीं पहुंचाते, देश को भी आग में झोंक सकते हैं. चुनाव आयोग की निष्पक्षता, स्वतंत्रता और ईमानदारी की रक्षा किसी भी कीमत पर किये जाने की जरूरत है.

अगर ये भीड़ दादरी में ही दफ़न कर दी जाती तो इसकी आंच बंगाल तक कभी नहीं आती

जिस पैगम्बर के व्यवहार ने उनपर रोज़ कूड़ा फेंकने वाली औरत को बदलने पर मजबूर कर दिया, उन्हीं के कुछ अनुयायी एक फेसबुक पोस्ट मात्र पर हिंसक हो जाते हैं.

‘मोदी के पास दुनिया घूमने का समय है लेकिन दो साल से धरने पर बैठे सैनिकों से मिलने का वक्त नहीं है’

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर धरना देते हुए पूर्व सैनिकों को दो साल हो गए हैं. उनसे बातचीत.

यह वाकई ‘नया भारत’ है जो अंधविश्वास के रास्ते पर धड़ल्ले से आगे बढ़ रहा है

तांत्रिकों के सान्निध्य में मंत्रियों का जाना और पाप-पुण्य के फेर में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना अंधश्रद्धा पर सरकारी मुहर लगाना है.

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