अहमदाबाद के एक निजी स्कूल द्वारा पांचवी से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन क़ानून पर बधाई और समर्थन देने के लिए पोस्टकार्ड लिखने को कहा गया था. अभिभावकों के इसका विरोध करने के बाद स्कूल प्रशासन ने माफ़ी मांगते हुए बच्चों द्वारा लिखे पोस्टकार्ड वापस कर दिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जनवरी को गुवाहाटी में खेलो इंडिया गेम्स का उद्घाटन करने वाले थे. नागरिकता क़ानून को लेकर विरोध कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे.
कर्नाटक के बेल्लारी से भाजपा विधायक जी. सोमशेखर रेड्डी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को भारत में अधिक सावधान रहना चाहिए कि वे यहां क्या कर रहे हैं. अगर हम लोग खड़े हो गए तो आप सोच लें कि आपका क्या होगा.
जो लोग ‘हम देखेंगे’ को हिंदू विरोधी कह रहे हैं, वो ईश्वर की पूजा करने वाले 'बुत-परस्त' नहीं, सियासत को पूजने वाले ‘बुत-परस्त’ हैं.
वीडियो: आईआईटी कानपुर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों द्वारा मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म 'हम देखेंगे' को गाए जाने पर एक फैकल्टी मेंबर ने इसे 'हिंदू विरोधी' बताया और इसकी दो पंक्तियों पर आपत्ति जताई है. इस नज़्म का अर्थ बता रही हैं रेडियो मिर्ची की आरजे सायेमा.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए प्रदर्शनों और हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पर मुस्लिमों को निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों का दौरा करके लौटी फैक्ट-फाइंडिंग टीम के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद की बातचीत.
17 दिसंबर को आईआईटी कानपुर में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण मार्च में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 'हम देखेंगे' नज़्म गाई गई थी. एक फैकल्टी मेंबर द्वारा इसे हिंदू विरोधी बताते हुए नज़्म के 'बुत उठवाए जाएंगे' और 'नाम रहेगा अल्लाह का' वाले हिस्से पर आपत्ति उठाई है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में बीते 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सीतापुर को दो फेरीवाले राशिद अली और मोहम्मद यासीन को गिरफ़्तार कर लिया था. 12 दिन जेल में रखने के बाद उन्हें ज़मानत दी गई.
एनआरसी और एनपीआर को ख़ारिज किया जाना चाहिए और नागरिकता क़ानून को फिर से तैयार किया जाए, जिसमें इसके प्रावधान किन्हीं धर्म विशेष के लिए नहीं, बल्कि सभी प्रताड़ितों के लिए हों.
वीडियो: मीडिया बोल की में उर्मिलेश नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में देश भर में हो रहे प्रदर्शन पर सरकार और मीडिया के रवैये पर वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, एनआर मोहंती और वकील अब्दुल रहमान से चर्चा कर रहे हैं.
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब असम के शिक्षण संस्थान नए नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: गोरखपुर में 20 दिसंबर को नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ़्तार किया था. इनमें से कई के परिजनों का कहना है कि गिरफ़्तार किए लोग प्रदर्शन में मौजूद नहीं थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बेरहमी से मारपीट की गई.
वीडियोः नागरिकता कानून के विरोध में 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की उत्तर प्रदेश पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने बर्बरता से पिटाई की थी. इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता और घटना की जांच करने वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य हर्ष मंदर के साथ रीतू तोमर की बातचीत.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
जिस नागरिकता क़ानून को गांधी जी और भारतीयों ने आज से 113 साल पहले विदेशी धरती पर नहीं माना, उस औपनिवेशिक सोच से निकले सीएए और एनआरसी को हम आज़ाद भारत में कैसे स्वीकार कर सकते हैं?