किसान आंदोलन: पंजाब के डीआईजी ने किसानों के समर्थन में इस्तीफ़ा दिया

पंजाब के उप महानिरीक्षक (कारागार) लक्षमिंदर सिंह जाखड़ ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि मैं पहले एक किसान हूं और बाद में एक पुलिस अधिकारी. आज मुझे जो भी पद मिला है, वो इसलिए कि मेरे पिता ने किसान के तौर पर काम किया और मुझे पढ़ाया, इसलिए मैं खेती के लिए अपना सब कुछ छोड़ता हूं.

किसान प्रदर्शन: विफल बातचीत और बढ़ते विरोध के बीच पीएम मोदी बोले- नए क़ानूनों से किसानों को फायदा

बीते 17 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपतियों से कृषि क्षेत्र में निवेश की अपील करते हुए कहा कि कृषि में निजी क्षेत्र की ओर से जितना निवेश होना चाहिए था वहीं नहीं हुआ है.

किसानों ने कृषि क़ानूनों पर सरकार का प्रस्ताव ख़ारिज किया, 14 दिसंबर को भाजपा कार्यालय घेरेंगे

कुल 13 आंदोलनकारी किसान संगठनों को भेजे गए मसौदा प्रस्ताव में सरकार ने कहा कि सितंबर में लागू किए गए नए कृषि क़ानूनों के बारे में उनकी चिंताओं पर वह सभी आवश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार ने क़ानूनों को वापस लेने की किसानों की मुख्य मांग के बारे में कोई ज़िक्र नहीं किया था.

किसान आंदोलन: कृषि वैज्ञानिक ने केंद्रीय मंत्री से पुरस्कार लेने से किया मना, मोदी को लिखा पत्र

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य मिट्टी रसायनज्ञ डॉ. वरिंदरपाल सिंह ने केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के हाथों से पुरस्कार लेने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा ज़मीर इसकी अनुमति नहीं देता, क्योंकि भारत सरकार ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को बेवजह तकलीफें दी हैं.

किसान आंदोलन: तीन और लोगों की मौत, अब तक कम से कम 10 व्यक्तियों की जान गई

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 14 दिनों से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे इन क़ानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

भारत बंद: शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए किसानों ने कृषि क़ानून वापस लेने की मांग दोहराई

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन ​कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा आहूत भारत बंद का देश में मिला-जुला असर रहा. कुछ राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं कुछ राज्यों में सामान्य बना रहा.

किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास भाजपा का आज़माया हुआ तरीका है

कृषि क़ानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों को ‘खालिस्तानी’ घोषित करना भाजपा के उसी प्रोपगेंडा की अगली कड़ी है, जहां उसकी नीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को ‘देश-विरोधी’, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ या ‘अर्बन नक्सल’ बता दिया जाता है.

किसान आंदोलन: आठ दिसंबर के भारत बंद को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों का समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.

किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी घटना नहीं, सिर्फ़ पंजाब तक सीमित: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि किसानों का प्रदर्शन सिर्फ़ पंजाब में ही है. पंजाब में भी ऐसे लोग इसमें शामिल हैं, जो अधिकांशत: कांग्रेस कार्यकर्ता हैं.

किसान सही बोल रहे हैं या सत्ताधारी और टीवी चैनल!

मीडिया बोल: कृषि क़ानूनों का विरोध में किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का अभियान तेज हो गया है. तमाम न्यूज़ चैनल किसानों के पीछे कभी विदेशी तो कभी खालिस्तानी और कभी विपक्ष हाथ बता रहे हैं. इस मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ता रमन प्रीत सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार शिव इंदर सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.

किसान आंदोलन: पंजाबी गायक हरभजन मान ने राज्य सरकार का पुरस्कार लेने से इनकार किया

इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते तीन दिसंबर को दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण को वापस कर दिया था. पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित कुछ खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है.

किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा, आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान नेताओं ने ​कहा कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन को और तेज़ करेंगे. उनका कहना है कि पांच दिसंबर को देश भर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा. तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

यह समय है जब ग़ैर-कृषि वर्ग को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए: पी. साईनाथ

कृषि मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि सरकार समझ रही थी कि यदि वो इस समय ये क़ानून लाती है तो मज़दूर और किसान संगठित नहीं हो पाएंगे और न विरोध कर पाएंगे, लेकिन उनका यह आकलन ग़लत साबित हुआ है.

किसान आंदोलन: एक और किसान की मौत के साथ अब तक कम से कम छह लोगों की जान गई

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ पिछले नौ दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

पंजाब: पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि क़ानूनों के विरोध में पद्म पुरस्कार लौटाया

इससे पहले पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है. केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

1 7 8 9 10 11 21