इतिहासकार रोमिला ठाकुर ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस को रिहा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल की थी.
पुणे की एक अदालत ने बीते शुक्रवार को सुधा भारद्वाज, वर्णन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी, जिसके बाद देर शाम वर्णन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
पुणे की स्थानीय अदालत द्वारा इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की ज़मानत याचिका और बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नज़रबंदी की अवधि बढ़वाने की याचिका ख़ारिज होने के बाद पुणे पुलिस ने इन दो कार्यकर्ताओं को ठाणे और मुंबई से गिरफ़्तार किया है.
भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच पूरी करने की अवधि बढ़ाने के निचली अदालत के आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया गया था. इस संबंध में गिरफ़्तार पांच में से चार कार्यकर्ताओं को नज़रबंद रखा गया है. एक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नज़रबंदी ख़त्म कर दी गई है.
पुणे में सेना के एक अस्पताल में काम करने वाली महिला का मामला. बीते जून महीने में वीडियो कॉल कर इशारों में बलात्कार और यौन शोषण की आपबीती बताई थी.
बीते एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा की नज़रबंदी ख़त्म कर दी थी. भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में बीते 28 अगस्त को गौतम नवलखा समेत पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नज़रबंद रखा गया है.
गौतम नवलखा ने कहा कि नज़रबंदी के दौरान, पाबंदियां लागू होने के बावजूद इस अवधि को अच्छी तरह से इस्तेमाल किया, इसलिए मुझे कोई शिकायत नहीं है.
भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के संबंध में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस बीते 29 अगस्त से नज़रबंद हैं.
भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के संबंध में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस बीते 29 अगस्त से नज़रबंद हैं.
भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के संबंध में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस की नज़रबंदी की अवधि 19 सितंबर तक बढ़ी.
भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के संबंध में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस को नज़रबंद किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि आप अपने पुलिस अधिकारियों को अधिक ज़िम्मेदार बनने के लिए कहें. मामला हमारे पास है और हम पुलिस अधिकारियों से यह नहीं सुनना चाहते कि उच्चतम न्यायालय गलत है.
बॉम्बे हाईकोर्ट पूछा कि पुलिस ऐसे दस्तावेज़ों को इस तरह पढ़कर कैसे सुना सकती है जिनका इस्तेमाल मामले में साक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है.
जालना नगर निगम के पूर्व पार्षद श्रीकांत पन्गारकर को बीते शनिवार की रात सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया. इस मामले के कथित मुख्य शूटर सचिन प्रकाशराव अंदुरे से पूछताछ के बाद पन्गारकर को पकड़ा गया.
सीबीआई ने बताया कि तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर पर गोली चलाने वालों में सचिन प्रकाशराव भी शामिल था. सचिन की संलिप्तता की जानकारी महाराष्ट्र एटीएस ने सीबीआई को दी थी.