वीडियो: बीते चार दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तमाम विरोधों के बावजूद नागरिकता संशोधन विधेयक को मंज़ूरी दे दी. पूर्वोत्तर के राज्यों, खासकर असम में इसे लेकर काफी प्रतिरोध हो रहा है. नॉर्थ ईस्ट डायरी में इस विषय पर द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म सम्मेलन में 1893 में कहा था कि वह उस देश के बारे में बात कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, जहां हर देश और धर्म के लोग अत्याचार सहने के बाद शरण पाते हैं.
कांग्रेस और माकपा समेत कई दलों की ओर से कहा गया है कि वह इस विधेयक का पुरज़ोर विरोध करेंगे. नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले पर कहा कि वे कानून के दायरे से बाहर पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हैं.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने विधेयक के ख़िलाफ़ पूरे असम में 30 स्थानीय संगठनों के साथ प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के पुतले फूंके.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने देश में छह साल गुज़ार दिए हैं, लेकिन उनके पास कोई दस्तावेज़ नहीं है. इस बारे में विस्तार से बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा खानम शेरवानी और द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 2008-13 के बीच 29 लाख लोग यात्री के रूप में भारत में आए. वहीं 2014 से 2017 के बीच ऐसे यात्रियों की संख्या बढ़कर 56 लाख हो गई.
नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने देश में छह साल गुज़ार दिए हैं, लेकिन उनके पास कोई दस्तावेज़ नहीं है.
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम के कॉटन विश्वविद्यालय और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रसंघों ने विश्वविद्यालय परिसर में भाजपा और आरएसएस नेताओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाते हुए विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का एलान किया है.
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है विधेयक. असम के संगठनों ने कहा कि राज्य के लोग इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे. असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों की पहचान बनाए रखने के लिए विधेयक के मसौदे में बदलाव किया जाएगा.
पूर्वोत्तर के राज्यों में लंबे समय से नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज़ उठती रही हैं. गृहमंत्री अमित शाह की इस विधेयक को लाने की हालिया घोषणा के बाद मणिपुर, मेघालय और नगालैंड में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ सीट से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर ने कहा कि मोहम्मद जिन्ना एक एडवोकेट और एक विद्वान व्यक्ति थे. अगर उस समय निर्णय लिया गया होता कि हमारा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना बनेगा तो इस देश के टुकड़े नहीं होते.
असम के बारपेटा ज़िले के रहने वाले और वर्तमान में कोलकाता में तैनात भारतीय सेना के एक सूबेदार को असम में नागरिकता की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.
मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रासुका के तहत गिरफ़्तारी के विरोध में भी छात्र ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था. परिवारवालों ने कहा कि पुलिस ने गिरफ़्तारी का कारण नहीं बताया है.
असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 का भारी विरोध हो रहा है. यहां के वित्त मंत्री और पूर्वोत्तर के लिए भाजपा के मुख्य रणनीतिकार हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह जिन्ना की विरासत और भारत की विरासत के बीच की लड़ाई है.