सोशल मीडिया पोस्ट के फैक्ट चेक के लिए आईबी मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी ने टेंडर मंगाए

साइबर कानून के जानकार और फेक न्यूज का पता लगाने वाले विशेषज्ञों ने इस क़दम पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे सरकार के लिए ग़ैरक़ानूनी निगरानी के रास्ते खुल जाएंगे और इसका इस्तेमाल लोगों को परेशान करने में हो सकता है.

फेक न्यूज़ कोरोना से ज़्यादा ख़तरनाक, अर्बन नक्सल या मोदी-भक्त कहना असहिष्णुता: जस्टिस कौल

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने बीते रविवार को मद्रास बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन लेक्चर में ये बातें कहीं.

सॉलिसिटर जनरल द्वारा कोर्ट में सुनाई गई ‘गिद्ध वाली कहानी’ फ़र्ज़ी वॉट्सऐप मैसेज पर आधारित थी

फैक्ट चेक: सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को प्रवासी मज़दूरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए क़दमों का ब्योरा देते समय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक पुरानी घटना का ज़िक्र करते हुए ऐसा इशारा किया था कि मज़दूरों की परेशानियों को दिखाते लोग गिद्धों की तरह हैं. पड़ताल बताती है कि यह घटना असल में हुई ही नहीं, यह एक झूठा वॉट्सऐप मैसेज है.

भाजपा सांसद को दिल्ली पुलिस की नसीहत, कहा- कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसे जांच लें

पश्चिमी दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश सिंह वर्मा ने 14 मई को नमाज़ अदा करते लोगों का एक वीडियो साझा करते हुए लॉकडाउन के उल्लंघन की बात कही थी. पुलिस के इसे ग़लत बताने के बाद वर्मा ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.

अंडमान: ग़लत ख़बर फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार पत्रकार ने कहा, असुविधाजनक सवाल पूछने का नतीजा

अंडमान निकोबार के एक स्वतंत्र पत्रकार जुबैर अहमद ने ट्विटर पर स्थानीय प्रशासन से पूछा था कि कोविड-19 के मरीज़ से फोन पर बात करने पर लोगों को क्वारंटीन क्यों किया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि वे ग़लत जानकारी फैला रहे थे.

कोरोना वायरस: महाराष्ट्र में फ़र्ज़ी ख़बर को लेकर दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का आदेश

एक समाचार चैनल द्वारा महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड और उनकी बेटी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कथित तौर पर फ़र्ज़ी ख़बर प्रसारित की गई थी. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया है.

एक दौर में फेक न्यूज़ के सहारे हिंदुओं को बीमारी फैलाने का ज़िम्मेदार ठहराया गया था

अमेरिकी इतिहास से जुड़ा एक पन्ना बताता है कि मीडिया और बुद्धिजीवियों के एक वर्ग द्वारा समर्थित जातिवादी और सांप्रदायिक ज़हर लंबे समय से राजनीति का खाद-पानी है.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम को लेकर फ़र्ज़ी ख़बरों पर जमीयत ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख़

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर मीडिया के एक वर्ग पर सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि तबलीग़ी जमात की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का इस्तेमाल पूरे मुस्लिम समुदाय को दोष देने में किया जा रहा है.

फिनलैंड की पीएम का फ़र्ज़ी इंटरव्यू छापने पर दैनिक भास्कर को प्रेस काउंसिल ने भेजा नोटिस

द वायर से बातचीत में दैनिक भास्कर की ओर से कहा गया, ‘हम अपने फ्रीलांस पत्रकार सिद्धार्थ राजहंस के धोख़े का शिकार हुए हैं. उन्होंने हमसे जालसाज़ी की है. हम उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी क़दम उठा रहे हैं. साथ ही फिनलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय और दूतावास को माफ़ीनामा भी भेज रहे हैं.

यूपी के पूर्व डीजीपी ने चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों के आईटी सेल पर रोक लगाने को कहा

उत्तर प्रदेश के पूर्व ​डीजीपी ने कहा है कि यह फेक न्यूज़ का समय है, जिससे हिंसा, दंगे और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है. इस तरह की स्थितियों को चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.

केंद्र सरकार के बारे में ‘फेक न्यूज़’ से निपटने के लिए पीआईबी ने तथ्य जांच इकाई गठित की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लोगों से सोशल मीडिया सहित किसी भी मंच पर नज़र आने वाली केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और योजनाओं से जुड़ी किसी ‘संदिग्ध सामग्री’ की तस्वीर ईमेल करने का अनुरोध किया और कहा कि इसकी छानबीन की जाएगी.

द वायर बुलेटिन: उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर टिप्पणी करने के चलते सात सरकारी शिक्षक निलंबित

आडवाणी के बाद मुरली मनोहर जोशी के भी टिकट कटने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

मीडिया बोल: चुनाव में चैनल और झूठ का धंधा

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश चुनाव और फ़ेक न्यूज़ पर निर्वाचन आयोग के पूर्व क़ानूनी सलाहकार एसके मेंहदीरत्ता, वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव और न्यूज़ नेशन के पूर्व सीईओ-संपादक शैलेश से चर्चा कर रहे हैं.

क्या केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बालाकोट हमले के सबूत के तौर पर ग़लत ख़बर का हवाला दिया?

14 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सरकार का समर्थन न करने का आरोप लगाते हुए वायुसेना की सफल कार्रवाई के प्रमाण के बतौर एक वीडियो का हवाला दिया था. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल के अनुसार यह वीडियो बालाकोट से संबंधित नहीं है.