फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने हाल ही में अपनी निजता पॉलिसी में बदलाव किया था, जिसे स्वीकार करने की आख़िरी तारीख आठ फरवरी तय की गई थी. इन बदलावों की वजह से वॉट्सऐप को भारत सहित वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
वीडियो: मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप नया डेटा प्राइवेसी नियम ला रहा है. इसकी दुनिया भर में आलोचना हो रही है. नए नियम के मुताबिक, वॉट्सऐप यूजर डेटा को फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ शेयर करेगा. अपडेट में कहा गया है कि वॉट्सऐप सेवा जारी रखने के लिए उपयोगकर्ताओं को 8 फरवरी, 2021 तक नई डेटा शेयरिंग नीति को स्वीकार करना होगा.
हाथरस ज़िले में सितंबर 2020 में एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की गई थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले मीडिया प्रकाशनों समेत कई के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
शहला राशिद, उनकी मां ज़ुबेदा अख़्तर और बहन अस्मा राशिद ने यह कहते हुए मुक़दमा दायर किया था कि उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा झूठे और तुच्छ आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को कम करने का काम कर रहे हैं, जिसमें उन्हें राष्ट्रविरोधी कहना तक शामिल है. प्रतिवादियों में अब्दुल, कुछ मीडिया आउटलेट्स, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और गूगल शामिल हैं.
किसान आंदोलन से जुड़ी आधिकारिक जानकारी देने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर क़रीब चार हफ़्तों से जमा किसान संगठनों ने ‘किसान एकता मोर्चा’ के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना एकाउंट बनाया है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक की सुरक्षा टीम ने सोशल मीडिया कंपनी को चेतावनी दी थी कि अगर प्लेटफॉर्म से बजरंग दल को प्रतिबंधित किया गया, तो जवाबी तौर पर संभावित हमला हो सकता है.
केरल सरकार ने पुलिस अधिनियम को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें धारा 118 ए जोड़ने का फैसला किया था. इसके तहत अगर कोई शख़्स सोशल मीडिया के ज़रिये कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करता है तो उसके ख़िलाफ़ 10 हज़ार रुपये का जुर्माना या तीन साल की क़ैद या दोनों का प्रावधान किया गया था.
राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने केरल पुलिस अधिनियम में नई धारा 118(ए) जोड़ने के प्रावधान को मंज़ूरी दे दी है, जिसके तहत अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर तीन साल की क़ैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सज़ा हो सकती है.
फेसबुक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 की पहली छमाही में दुनियाभर में सरकारी स्तर पर की गई इंटरनेट रुकावट के 79 फीसदी मामले भारत में हुए.
भाजपा नेता और असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो पर लगाए गए ‘ग़लत जानकारी’ की चेतावनी को फेसबुक ने हटा लिया है, जबकि असम पुलिस ने उसी वीडियो के आधार पर समूहों के बीच में दुश्मनी को बढ़ावा देने को एक मामला दर्ज किया है.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अगस्त में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि आंखी दास ने एक भाजपा नेता के ख़िलाफ़ फेसबुक के हेट स्पीच नियमों को लागू करने का विरोध किया था. हालांकि उनके इस्तीफ़े के इस विवाद से जुड़े होने की पुष्टि नहीं हुई है.
अमेरिका में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एंटी-ट्रस्ट क़ानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन भारत में कॉम्पिटीशन कमीशन ने डेटा और डिजिटल कारोबार क्षेत्र में वर्चस्व के दुरुपयोग की बस संभावना जताई है. डिजिटल एकाधिकार के लिए कोई तय नियम न होने से ऐसी कोई घटना होने के बाद कार्रवाई करना कठिन हो सकता है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक की एक पूर्व डेटा साइंटिस्ट ने फेसबुक पर कई देशों के चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि दुनियाभर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमज़ोर करने के प्रयासों से निपटने में फेसबुक पारदर्शिता लाने या समय पर कार्रवाई करने में असफल रहा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर द्वेषपूर्ण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए फेसबुक द्वारा कथित तौर पर कोई कदम न उठाए जाने की शिकायतों के बाद दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 15 सितंबर को समिति के सामने पेश होने को कहा है.
अगस्त महीने में एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में फेसबुक की दक्षिण और मध्य एशिया प्रभार की पॉलिसी निदेशक आंखी दास ने भाजपा नेता टी. राजा सिंह के खिलाफ फेसबुक के हेट स्पीच नियमों को लागू करने का विरोध किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे कंपनी के संबंध भाजपा से बिगड़ सकते हैं.