विवेकानंद जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति में परिवारवाद पर निशाना साधते हुए इसे ख़त्म करने के लिए युवाओं को राजनीति में आने को कहा. हालांकि ऐसा कहते हुए उन्होंने भाई-भतीजावाद की भाजपाई परंपरा को आसानी से बिसरा दिया.
बीते पंद्रह दिनों में यह दूसरी बार है जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की याचिका ख़ारिज की है. इससे पहले 23 दिसंबर को अदालत ने भूमि अधिसूचना वापस लेने के एक अन्य मामले में चल रही आपराधिक कार्रवाई रद्द करने के येदियुरप्पा के अनुरोध को नहीं माना था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से जुड़ा यह मामला साल 2006 का है, जब वह उप-मुख्यमंत्री थे. उन पर कथित तौर पर सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि का एक हिस्सा निजी व्यक्तियों के लिए जारी करने का आरोप है. हाईकोर्ट ने मामले में पिछले पांच साल में जांच पूरी कर पाने में विफल होने पर लोकायुक्त पुलिस को लताड़ लगाई है.
कर्नाटक सरकार ने राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली एक उप-समिति के सुझावों पर 31 अगस्त, 2020 को सत्ताधारी भाजपा के सांसदों और विधायकों पर दर्ज 61 मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया था.
इससे पहले बीते 11 नवंबर के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फ़ैसले में कहा था कि अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीने का अधिकार जीवन एवं व्यक्तिगत आज़ादी के मौलिक अधिकार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि इसमें धर्म आड़े नहीं आना सकता है.
भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ उन 17 विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें कर्नाटक विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था और इसी कारण एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली तत्कालीन जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी.
अदालतों और केसों के पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बेंगलुरु में पिछले पांच साल में आईपीसी की धारा 366 के तहत दर्ज 41 केस फिलहाल लंबित पड़े हैं. इनमें वयस्कों को भगाने और शादी करने के मामले हैं. 35 मामले हिंदू युगलों से जुड़े हैं, जबकि छह मामले अंतरधार्मिक हैं. धारा 366 अपहरण कर जबरन शादी करने से संबंधित धारा है.
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस और जेडीएस के उन सभी 17 विधायकों को मंत्री पद देने का वादा किया था, जिन्होंने 2019 में भाजपा को सरकार बनाने में मदद की थी. 17 में से 15 सीटों पर पिछले साल दिसंबर में उपचुनाव हुआ था, जबकि दो सीटों पर तीन नवंबर को मतदान हो रहा है.
पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अभियोजन निदेशक और सरकारी मुकदमा और क़ानून विभाग ने सत्ताधारी भाजपा के सांसदों और विधायकों पर दर्ज मामलों को वापस न लेने की सिफ़ारिश की थी. वापस लिए गए मामलों में कर्नाटक के क़ानून मंत्री और पर्यटन मंत्री के ख़िलाफ़ दर्ज केस भी शामिल हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. उधर, बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव और दो बार विधायक रह चुके सत्यनारायण सिंह का निधन कोरोना वायरस के कारण हो गया है.
रविवार शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कोविड संक्रमित होने की पुष्टि की थी. उनके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, यूपी भाजपा अध्यक्ष और राज्य के एक मंत्री भी कोविड संक्रमित पाए गए हैं.
राज्य सरकार ने कोविड-19 का हवाला देते हुए पहली से 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम कम करने के लिए इस्लाम, ईसाई धर्म, टीपू सुल्तान से जुड़े अध्याय हटाने का प्रस्ताव रखा था. इस पर विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार अपने दक्षिणपंथी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है.
कोरोना पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा कि उनका बयान दिखाता है कि येदियुरप्पा सरकार कोविड संकट से लड़ने में नाकाम रही है. बाद में स्वास्थ्य मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को ग़लत तरीके से पेश किया.
मामला बेंगलुरु का है, जहां 52 वर्षीय कपड़ा व्यापारी को तेज़ बुखार और सांस लेने में समस्या हुई थी. उनके भतीजे ने बताया कि वे उन्हें दो दिन एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए, 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन सभी जगह उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया.
बीते 20 मई को जारी किए राज्य सरकार के आदेश में केंद्र सरकार के 2018 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सभी सरकारी अधिकारी अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्यों के लिए ‘दलित’ या ‘हरिजन’ शब्द का उपयोग करने से बचेंगे क्योंकि इनका संविधान या क़ानून में कोई उल्लेख नहीं है.