66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में तेलुगु फिल्म ‘महानती’ में गुज़रे ज़माने की सुपरस्टार सावित्री का किरदार निभाने वाली कीर्ति सुरेश ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता.
वीडियो: जातिगत भेदभाव पर आधारित फिल्म ‘आर्टिकल 15’ के निर्देशक अनुभव सिन्हा से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने बच्चों की एक फिल्म को यूनिवर्सल/एडल्ट सर्टिफिकेट दिया था. बोर्ड को फटकार लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि दुनिया बदलने के साथ कहानी कहने की कला भी बदल रही है. आप इसका फैसला नहीं कर सकते हैं कि कोई क्या देखना चाहता है और क्या नहीं.
अभिनेत्री ज़ायरा वसीम के फिल्म इंडस्ट्री के छोड़ने को लेकर हो रहे विवाद पर चर्चा कर रहीं हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए छेड़खानी के मामले ओशीवारा पुलिस ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष ‘बी समरी’ रिपोर्ट दाखिल की है. यह रिपोर्ट तब दी जाती है जब आरोपपत्र दाखिल करने और मुकदमा चलाने के लिए पुलिस को आरोपी के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिलता.
अक्षय कुमार की फिल्म ‘खिलाड़ी’ और शाहरुख खान की फिल्म ‘बादशाह’ के अलावा दिनयार कॉन्ट्रैक्टर फिल्म ‘चोरी-चोरी चुपके-चुपके’, ‘दरार’ और ‘36 चाइना टाउन’ में नज़र आ चुके थे. इस साल जनवरी में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
90 के दशक के मशहूर एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन 100 से अधिक फिल्मों के एक्शन कोरियोग्राफ कर चुके थे.
वीडियो: अभिनेता, लेखक और नाटककार मानव कौल और ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’ फिल्म के निर्देशक सौमित्र रानाडे से प्रशांत वर्मा की बातचीत.
फिल्मों के नाम रजिस्टर करने वाली संस्था इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन में फरवरी के आख़िरी सप्ताह में बड़ी संख्या में पुलवामा आतंकी हमले, बालाकोट एयर स्ट्राइक और भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन से जुड़े टाइटल रजिस्टर कराने के आवेदन किए गए.
बॉलीवुड भले ही अवसरवादी और रीढ़विहीन नज़र आता हो लेकिन अलग-अलग नज़रिया रखने वाले इसके सदस्य अपने देश की मार्केटिंग और उससे पैसे बनाने के मामले में एक-दूसरे से कोई मतभेद रखते नहीं दिखते.
पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर ने कहा कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति का मतलब सामाजिक रूप से जागरूक होना होता है. यह सिर्फ़ नारा नहीं बल्कि एक जीवनशैली है.
क़ादिर ख़ान हिंदी सिनेमा में उस पीढ़ी के आख़िरी लेखक थे, जिन्हें आम लोगों की भाषा और साहित्य की अहमियत का एहसास था. उनकी लिखी फिल्मों को देखते हुए दर्शकों को यह पता भी नहीं चलता था कि इस सहज संवाद में उन्होंने ग़ालिब जैसे शायर की मदद ली और स्क्रीनप्ले में यथार्थ के साथ शायरी वाली कल्पना का भी ख़याल रखा.
जहां बॉलीवुड के अधिकतर अभिनेता सच से मुंह मोड़ने और चुप्पी ओढ़ने के लिए जाने जाते हैं, वहीं मुखरता नसीरुद्दीन शाह की पहचान रही है. उनका व्यक्तित्व उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की उस भीड़ से अलग करता है, जिसके लिए शक्तिशाली की शरण में जाना, गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी मांगना और कभी भी मन की बात न कहना एक रिवाज़-सा बन चुका है.
फिल्म के ट्रेलर में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी द्वारा बोले गए एक संवाद पर दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता सिद्धार्थ ने जताई आपत्ति. सेंसर बोर्ड भी दक्षिण भारतीय लोगों से जुड़े दो डायलॉग और बाबरी मस्जिद से जुड़े एक डायलॉग पर जता चुका है आपत्ति.
भारतीय सिनेमा में हॉरर श्रेणी की फिल्मों में सबसे लंबे समय तक रामसे ब्रदर्स का दबदबा था. तुलसी रामसे एफयू रामसे के पुत्र थे और सात भाइयों में एक थे. ज़ी टीवी पर प्रसारित हुए बहुचर्चित ‘ज़ी हॉरर शो’ का भी किया था निर्देशन.