राज्यसभा: निलंबित सांसदों ने रातभर संसद परिसर में धरना दिया, विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आठ सांसदों का निलंबन वापस होने और कृषि विधेयक में उनकी तीन मांगें शामिल होने तक विपक्ष राज्यसभा का बहिष्कार करेगा. वहीं, निलंबित सासंदों के धरने के जवाब में राज्यसभा उपसभापति ने 24 घंटे उपवास की घोषणा की है.

संसद से सड़क तक विपक्ष की आवाज़ दबा रही है मोदी सरकार?

वीडियो: राज्यसभा में पारित विवादित कृषि विधेयकों के विरोध में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर आप सांसद संजय सिंह और राजद सांसद मनोज कुमार झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

पश्चिम बंगाल: चुनाव क़रीब आने के साथ आई प्रोपेगेंडा चैनल और समाचार वेबसाइट की बाढ़

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. एक पड़ताल में साल 2018 से अब तक 30 से अधिक ऐसी वेबसाइट और चैनल्स सामने आए हैं, जो असत्यापित और पक्षपाती सामग्री के साथ फ़ेक न्यूज़ चलाते हैं.

राज्यसभा में कथित अभद्र व्यवहार के लिए डेरेक ओ ब्रायन सहित 8 विपक्षी सांसद निलंबित

रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत से पास होने के पहले कई विपक्षी नेता इसके विरोध में हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करते हुए उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है.

कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा दिया

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. कौर ने कहा कि किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है और उन्हें किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.

असम: सीमाई ज़िले के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में मुस्लिम अधिवक्ताओं को हटाकर हिंदुओं की नियुक्ति

धर्म के आधार पर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से पहले राज्य सरकार सीमाई ज़िलों में एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों की दर को लेकर कई बार नाख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी है.

यूपीए सरकार गिराने के लिए भाजपा-संघ समर्थित था ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलनः प्रशांत भूषण

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कोर सदस्य थे, जिन्हें साल 2015 में कथित तौर पर संगठन विरोधी गतिविधियों की वजह से योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से बाहर कर दिया गया था.

फेसबुक की पूर्व कर्मचारी का दावा, फेसबुक के ज़रिये दिल्ली चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की गई

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक की एक पूर्व डेटा साइंटिस्ट ने फेसबुक पर कई देशों के चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि दुनियाभर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमज़ोर करने के प्रयासों से निपटने में फेसबुक पारदर्शिता लाने या समय पर कार्रवाई करने में असफल रहा है.

रोज़गार गंवा चुके मज़दूरों की मदद के लिए श्रम क़ानूनों में हुए बदलाव रद्द करना ज़रूरी: कांग्रेस

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी में मज़दूरों को रोज़गार ख़त्म हो जाने की वजह से घोर संकट का सामना करना पड़ रहा है. कुछ राज्य सरकारों ने उनकी मदद करने के बजाय उद्योगपतियों के हित में श्रम क़ानूनों में बदलाव किया है.

दिल्ली विधानसभा की समिति ने फेसबुक इंडिया के अधिकारी को तलब किया

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर द्वेषपूर्ण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए फेसबुक द्वारा कथित तौर पर कोई कदम न उठाए जाने की शिकायतों के बाद दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 15 सितंबर को समिति के सामने पेश होने को कहा है.

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

काशी-मथुरा के मंदिरों को ‘मुक्त’ कराने की दक्षिणपंथी समूहों की मांग पर संघ ने कहा- हम ज़ोर नहीं देंगे

हिंदू संतों के एक संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस हफ़्ते की शुरुआत में कहा कि वे राम जन्मभूमि आंदोलन की तर्ज पर वाराणसी और मथुरा के ‘हिंदू मंदिरों को मुक्त' कराने के लिए अभियान शुरू करेंगे. इसके बाद आरएसएस ने कहा कि इसके लिए ज़ोर नहीं देगा.

जस्टिस अरुण मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के सबसे प्रभावशाली जज बनने की कहानी

भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.

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