जन गण मन की बात, एपिसोड 261: जम्मू कश्मीर में सियासी संकट और पानी की कमी

जन गण मन की बात की 261वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने और पानी की कमी पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 260: भाजपा-पीडीपी गठबंधन और भारत की वैश्विक छवि

जन गण मन की बात की 260वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में भाजपा के सरकार से समर्थन वापस लेने और भारत की वैश्विक छवि पर चर्चा कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में सख़्ती काम नहीं आएगी: महबूबा मुफ़्ती

जम्मू कश्मीर में भाजपा के पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के साथ अब राज्य में राज्यपाल शासन अपरिहार्य नज़र आ रहा है. राज्य के हालात पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की है.

जम्मू कश्मीर: भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफ़ा

जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल भाजपा के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई महत्‍वपूर्ण बैठक के बाद प्रदेश में तीन साल पुराना पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूट गया है.

पठानकोट में होगी कठुआ मामले की सुनवाई, महबूबा ने कहा इससे राज्य पुलिस का मनोबल बढ़ेगा

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को पठानकोट स्थानांतरित करने और फास्टट्रैक कोर्ट में दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है.

कठुआ मामले में सीबीआई जांच की ज़रूरत नहीं, राज्य की पुलिस ने अच्छी जांच की है: महबूबा मुफ़्ती

जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस मामले को अच्छी तरह संभाला है. कोई भी गलत कदम ऐसे हालातों को जन्म दे सकता था जहां पूरा राज्य सांप्रदायिकता की आग में जल गया होता.

जम्मू कश्मीर: कैबिनेट में आठ नए चेहरे शामिल, कवींद्र गुप्ता ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ

भाजपा के जिन नए चेहरों को शपथ दिलायी गई है उनमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल शर्मा, कठुआ के विधायक राजीव जसरोटिया तथा सांबा के विधायक दविंदर कुमार मान्याल शामिल हैं.

कठुआ में बच्ची के साथ बलात्कार न होने की ‘दैनिक जागरण’ की​ रिपोर्ट झूठी है

विशेष रिपोर्ट: दैनिक जागरण ने बीते 20 अप्रैल को ‘कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म’ शीर्षक से एक रिपोर्ट अपने सभी प्रिंट और आॅनलाइन संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित की थी.

कठुआ गैंगरेप: आरोपियों ने ख़ुद को बताया बेक़सूर, नार्को टेस्ट की मांग की

अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, बच्ची का अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची-समझी साज़िश थी.

‘मुंह फेर कर गुज़र जाने’ का वक़्त अब नहीं रहा, कठुआ के बाद तो बिल्कुल नहीं

इस तरह के पागलपन और दरिंदगी के आलम में हमारा पूरा वजूद सुन्न पड़ जाता है. एक मायूसी भरा सन्नाटा सबको अपनी चपेट में ले लेता है. मगर फिर एक मुकाम वो भी आता है, जहां यही मायूसी एक भयानक गुस्से में तब्दील हो जाती है.

नफ़रत की यह राजनीति आपका इस्तेमाल करेगी और हत्यारा बना देगी

लोग आपको तिरंगे की चादर में लपेट कर हिंदुत्व का मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण दे रहे थे, इसलिए नहीं कि आप सात्विक और आध्यात्मिक बन जाएं बल्कि किसी की हत्या के वक़्त हिंदुत्व के नाम पर आप चुप रहना सीख लें.

इन दो लड़कियों को इंसाफ़ नहीं मिला तो ये देश शर्मिंदगी से कभी उबर नहीं पाएगा

हिंदू-मुसलमान, ऊंची जाति, नीची जाति, नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन, काले-गोरे, हरे, पीले, लाल, गुलाबी, भगवा, कत्थई. सब बन लिए. अब जरा भारतीय बनकर भारत को बचा लो.

कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में जो कुछ हो रहा है, वो हमारी इंसानियत पर सवाल खड़ा करता है

जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम से सामूहिक बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में पुलिस, वकील और राजनेताओं की भूमिका ने संवेदनहीनता के नए प्रतिमान गढ़ने का काम किया है.

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