देवदासी जैसी परंपरा को लेकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस

मानवाधिकार आयोग ने कहा, उन्हें उनके परिवारों के साथ नहीं बल्कि मातम्मा मंदिर में रहने के लिए मजबूर किया जाता है जहां उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.

चौरासी दलित सांसद होने पर भी दलितों की सुनवाई नहीं होती: मार्टिन मैकवान

साल 2047 तक छुआछूत मिटाने को लेकर शुरू हुए अभियान पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और गुजरात के नवसर्जन ट्रस्ट के संस्थापक मार्टिन मैकवान से अजय आशीर्वाद की बातचीत.

जल्द न्याय पाना मौलिक अधिकार भले न हो, पर मानवाधिकार है: सुप्रीम कोर्ट जज

जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, याचिकाकर्ता को कुछ मामलों में न्याय पाने के लिए दशकों इंतज़ार करना पड़ता है. यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए अच्छा प्रतीत नहीं होता है.

किसी से सिर पर मैला ढोने का काम न लें सरकारें: मद्रास उच्च न्यायालय

अदालत ने कहा, नालों और सेप्टिक टैंकों की नुकसानदेह सफाई के लिए रोज़गार या ऐसे कामों के लिए लोगों की सेवाएं लेने पर प्रतिबंध है.

शाहबानो का गला घोंटा गया तब सेकुलरिज़्म ख़तरे में नहीं आया था?

अब तक तीन तलाक़, हलाला, मुता निक़ाह जैसी कुप्रथाएं चली आ रही हैं. उनके ख़िलाफ़ आपने कभी आवाज़ नहीं उठाई. जब प्रताड़ित मुस्लिम औरतें ख़ुद बाहर निकलीं तो सेक्यु​लरिज़्म याद आ रहा है!

संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा, जो लोग गोमांस खाते हैं उनका कोई मानवाधिकार नहीं होता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने जयपुर में आयोजित संघ के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में गाय, गोमांस और अन्य मुद्दों पर बयान दिए.

कुलभूषण जाधव और फ़ारूक़ अहमद डार: एक देश, दो नागरिक, दो सुलूक

बीते दिनों सेना के हाथों दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का शिकार हुए हैं, लेकिन भारत सरकार के अधिकारी और पूरा देश इनमें से सिर्फ एक के अधिकारों के लिए लड़ता दिख रहा है.

मेजर गोगोई को पुरस्कृत करना मानवाधिकारों का अपमान है: एमनेस्टी

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, अधिकारी को पुरस्कृत करने का मतलब है कि सेना निर्दयी, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार के उस कृत्य को सही ठहराना चाहती है.

युवक को जीप से बांधने वाले मेजर को क्लीन चिट की ख़बर का रक्षा मंत्रालय ने किया खंडन

पिछले महीने बड़गाम में उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजों से बचने के लिए सेना ने अपनी जीप के आगे एक शख़्स को मानव ढाल के तौर पर बांध दिया था.

जन गण मन की बात: कश्मीर में तनाव और धार्मिक असहिष्णुता, एपिसोड 36

जन गण मन की बात की 36वीं कड़ी में विनोद दुआ कश्मीर घाटी में तनावपूर्ण माहौल और धार्मिक असहिष्णुता को लेकर आई एक वैश्विक रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.

‘मैंने वोट किया था, सेना पर कभी पत्थर नहीं फेंका… मेरा क़सूर क्या था’

सोशल मीडिया पर वायरल हुए कश्मीर के वीडियो में दिख रहे फ़ारूक़ अहमद डार ने बताया कि उन्हें बंदूक के बट से पीटा गया और सेना द्वारा 5 घंटे तक जीप पर बांधकर घुमाया गया.