पितृसत्ता को चुनौती देने वाले समाज सुधार आंदोलनों को मज़बूत बनाना ज़रूरी

पितृसत्ता का प्रभाव देश के ज़्यादातर नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि सरकार, प्रशासन और न्यायपालिका जैसे संस्थान भी इसके असर से बचे हुए नहीं हैं, जिन पर लैंगिक न्याय स्थापित कराने का दायित्व है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 104: तीन तलाक़ और 2022 में अच्छे दिन का वादा

जन गण मन की बात की 104वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और प्रधानमंत्री मोदी के वादों पर चर्चा कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक़ को अमान्य क़रार देता है तो केंद्र सरकार नया कानून लाएगी: मुकुल रोहतगी

न्यायालय ने कहा कि समय की कमी की वजह से सिर्फ तीन तलाक़ पर सुनवाई होगी. बहुविवाह और निक़ाह हलाला के मामले पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.

तीन तलाक़ विवाद: अदालत में इतिहास लिखा जा रहा है!

भारतीय मुस्लिम समाज अपने अंदर पनप रही जड़ताओं, कठमुल्लावाद और सांप्रदायिकता से असरदार जंग लड़ने के लिए अगर इस्लाम के अंदर से ही दिशा-निर्देश ले तो ये बड़ी जीत होगी.

वीडियो: तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मसलों पर ज़किया सोमन से बातचीत

तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मसलों पर भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (#BMMA) की संस्थापक ज़किया सोमन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

तीन तलाक़ ख़त्म करने के लिए 18 महीने क्यों चाहिए: बीएमएमए

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य ने 18 महीने तीन तलाक़ की प्रथा ख़त्म करने की बात कही है. बीएमएमए ने पूछा अभी क्यों नहीं ख़त्म किया जा सकता तीन तलाक़?

मुस्लिम महिलाएं सम्मान से जी सकें इसके लिए विवाह कानून लागू हो: बीएमएमए

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने तीन तलाक़ की व्यवस्था ख़त्म करने और पर्सनल लॉ में सुधार की ज़रूरत को महत्वपूर्ण बताया है.

तीन तलाक के सिर्फ कानूनी पहलू पर ही होगा विचार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह की परंपरा कानूनी पहलू से जुड़े मुद्दों पर ही विचार करेगा.