हाथरस मामला: यूपी एसटीएफ ने पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और सात अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाख़िल हलफ़नामे में दावा किया है कि सिद्दीक़ कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.

लाल क़िला हिंसा: आरोपी को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा- मौजूदगी संलिप्तता का प्रमाण नहीं

केंद्र के नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में एक शख़्स को ज़मानत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि उस समय आरोपी की मौजूदगी और लाल क़िले की दीवार पर चढ़ जाने के आधार पर उसकी हिरासत को सही नहीं ठहरा सकते.

राजद्रोह मामलों में केंद्र की कोई भूमिका नहीं, राज्य दर्ज कराते हैं मुक़दमे: केंद्र सरकार

राजद्रोह के मामलों में दोषिसिद्धि की दर काफी कम होने को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने केंद्र सरकार की आलोचना की. गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने राजद्रोह सहित आपराधिक क़ानून सुधारों के लिए एक समिति गठित की है और विभिन्न पक्षों से इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं.

‘देश ख़तरे में है’ का हौवा स्वतंत्र विचारधारा वालों को प्रताड़ित करने का बहाना है

देश में 2017 से 2019 के बीच राष्ट्र विरुद्ध अपराधों के आरोप में प्रति वर्ष औसतन 8,533 मामले दर्ज किए गए. दुनिया का कोई देश अपने ही नागरिकों पर उसे नुकसान पहुंचाने के इतने केस दर्ज नहीं करता. अगर ये सब केस सच हैं तो दो बातें हो सकती हैं- या तो देश में असल में इतने गद्दार हैं, या देश के निर्माण में ही कोई मूलभूत गड़बड़ी है.

सरकार से अलग विचार रखना राजद्रोह नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को बहाल किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बयान का उल्लेख किया गया था. आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला चीन को कश्मीर ‘सौंपने’ की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.

बीमार मां से मिलने के लिए पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से मिली पांच दिन की ज़मानत

अक्टूबर 2020 में हाथरस में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद वहां जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को ज़मानत देते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें परिजनों और डॉक्टरों के अलावा किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी है. पीठ ने यह भी कहा इस दौरान वे सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं देंगे.

उत्तर प्रदेशः अदालत ने द वायर के संपादक और रिपोर्टर की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई थी.

ट्रैक्टर परेड: प्रदर्शनकारी की मौत की एसआईटी जांच की मांग; दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला था, जो हिंसक हो गया. इस दौरान दिल्ली के आईटीओ इलाके में 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. उनके दादा की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने यह नोटिस जारी किया है. उनका दावा है कि उनके पोते के सिर में गोली लगने के घाव थे.

साल 2019 में राजद्रोह के 93 मामलों में 96 गिरफ़्तार: केंद्र

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि 2019 में 76 लोगों के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर किए गए, जबकि 29 लोगों को अदालतों द्वारा बरी कर दिया गया.सर्वाधिक मामले कर्नाटक में दर्ज किए गए.

दिल्ली: ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल क़िले की घटना का आरोपी दीप सिद्धू गिरफ़्तार

केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी लाल क़िले तक पहुंच गए थे. बताया गया है कि अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने वहां एक ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगाया था.

किसान आंदोलनः सुप्रीम कोर्ट ने शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई और अन्य की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ.

किसान आंदोलन: स्वतंत्र पत्रकार को ज़मानत के बाद डिजिटल मीडिया पेशेवरों ने कहा- हम डटे रहेंगे

वीडियो: दिल्ली पु​लिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किया था जहां केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाकर डिजिटल मीडिया के पत्रकारों से बात की.

‘जो स्वतंत्र पत्रकार हैं, उन्हें ये लोग इंसान भी नहीं समझते’

वीडियो: दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को बीते 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. रिहा होने के बाद उनसे द वायर के सिराज अली ने बातचीत की.

ट्रैक्टर रैली हिंसा: एफआईआर के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.

यूपी: सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में द वायर और रिपोर्टर का नाम भी शामिल

26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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