यह मामला सीकर का है. पीड़ित का कहना है कि उनकी दाढ़ी नोची गई, लात और घुसे मारे गए, जिससे उनके दो से तीन दांत टूट गए. उनकी बाईं आंख, गाल और सिर पर चोटें आई हैं. आरोप है कि पीड़ित को पाकिस्तान भेजने की धमकी भी दी गई.
सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों की वापसी के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह फ़ैसला पार्टी आलाकमान को करना है. अगर आलाकमान उन्हें माफ़ करता है तो वे भी बाग़ियों को गले लगा लेंगे.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुट के विधायक गजेंद्र शक्तावत ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी व्हिप जारी करती है तो वह और अन्य विधायक 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.
राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की मंज़ूरी दिए जाने के साथ ही राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच एक हफ़्ते से जारी गतिरोध ख़त्म हो गया. सरकार चाहती थी कि 31 जुलाई से सत्र बुलाया जाए, पर 21 दिन का नोटिस देने की मांग करते हुए राज्यपाल ने तीन बार प्रस्ताव वापस लौटा दिया था.
राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट ने राज्यपाल को तीसरी बार प्रस्ताव भेजा है. इससे पहले दो बार राजभवन कुछ बिंदुओं के साथ प्रस्ताव सरकार को लौटा चुका है.
वीडियो: राजस्थान में सियासी रसूख की लड़ाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के हाथों से निकलकर अब विधानसभा स्पीकर, राज्यपाल और कोर्ट तक पहुंच चुकी है. इस मुद्दे पर राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक, द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अध्यक्ष को बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही स्थगित करने के आदेश संबंधी हाईकोर्ट के 21 जुलाई के आदेश पर शीर्ष अदालत ने रोक नहीं लगाई, जिसके कारण इस याचिका का अब कोई औचित्य नहीं है.
राजस्थान सरकार ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए राज्यपाल के पास शनिवार को संशोधित प्रस्ताव भेजा था. प्रस्ताव को खारिज करते हुए राज्यपाल ने सरकार से कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विधानसभा सत्र के लिए सभी विधायकों को बुलाना मुश्किल होगा. क्या आप विधानसभा सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?
साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में छह विधायक बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. सितंबर 2019 में उन्होंने कांग्रेस में विलय की अर्जी दी थी, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया था. अब बसपा का कहना है कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा न बताने जैसे छह बिंदुओं का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया था.
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा यथास्थिति बरक़रार रखने के आदेश का मतलब है कि अब विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं ले पाएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनके पास बहुमत है और इस बात पर उनके विरोधियों को भी संदेह नहीं है. विधानसभा सत्र बुलाने के लिए उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात भी की.
वीडियो: राजस्थान में मची सियासी खींचतान पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाईकोर्ट के निर्देश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है. इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता व कांग्रेस के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं.
राजस्थान में हुई ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने कहा कि जब राज्य में सरकार गिराने में केंद्र की चालें असफल हो गईं, तो ईडी के छापे शुरू हो गए, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.