जम्मू कश्मीर: चौथे दिन भी निषेधाज्ञा लागू, फोन-इंटरनेट लगभग बंद, कुछ ज़िलों में रात का कर्फ्यू

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.

कश्मीरी पंडितों ने कहा: अब हम अपने मूल स्थान पर वापसी कर सकेंगे

देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.

हम सब खो चुके हैं, अब लड़ाई जारी रखने के अलावा कोई और रास्ता नहीं: शाह फैसल

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.

अनुच्छेद 371 भी देता है राज्यों, खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों को विशेष दर्जा

जिन राज्यों के लिए अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं, उनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं और विशेष दर्जा उनकी जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है.

अब कोई भी कर सकेगा गोरी कश्मीरी लड़की से शादी: भाजपा विधायक

उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर के खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी ने कहा कि मैं कश्मीर में घर बनाना चाहता हूं. वहां हर चीज खूबसूरत है- जगह, पुरुष और महिलाएं, सबकुछ.

क्या बंदूक के साये में संविधान बदलने की प्रक्रिया सही है?

गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार धारा 370 के कारण जो सुविधाएं जम्मू कश्मीर की जनता को नहीं मिल सकीं, क्या वे गुजरात के नागरिकों को भाजपा के 22 सालों के शासन में मिली हैं?

जम्मू कश्मीर: 370 के अधिकांश प्रावधानों को ख़त्म करने और राज्य पुनर्गठन विधेयक को मंज़ूरी

लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी. 17वीं लोकसभा का पहला सत्र संपन्न. 37 बैठकों में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और तीन तलाक़ सहित 36 विधेयक पारित हुए.

ताले में बंद कश्मीर की कोई ख़बर नहीं, पर जश्न में डूबे शेष भारत को इससे मतलब नहीं

सदन में अमित शाह ने कहा कि नेहरू कश्मीर हैंडल कर रहे थे, सरदार पटेल नहीं. यह इतिहास नहीं है मगर अब इतिहास हो जाएगा क्योंकि अमित शाह ने कहा है. उनसे बड़ा कोई इतिहासकार नहीं है.

कश्मीर की ज़मीन पर कब्ज़े और वर्चस्व के लिए अनुच्छेद 370 को ख़त्म किया गया

केंद्र की मोदी सरकार ने राष्‍ट्रपति के आदेश से जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सोमवार को ख़त्म कर दिया. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट ​दिया गया.

यह देश यहां के लोगों से बना है, ज़मीन के टुकड़ों से नहीं: राहुल गांधी

जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित कर, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद कर और संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में महबूबा, उमर सहित कई नेता गिरफ़्तार

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी सहित कई अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है.

कश्मीर से धारा 370 हटाना संवैधानिक तख्तापलट है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे

पुलिस और सेना का इस्तेमाल करके आम राय को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है, लेकिन क्या इससे राज्य में लंबे समय के लिए शांति सुनिश्चित की जा सकती है?

क्या है अनुच्छेद 370 और 35ए, जो जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था

सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने का प्रस्ताव पेश किया.