मीडिया बोल की 89वीं कड़ी में उर्मिलेश लोकसभा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा पर वरिष्ठ पत्रकार आरती जेरथ, जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक एनआर मोहंती और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के सह-संस्थापक जगदीप छोकर से चर्चा कर रहे हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह माना जा रहा था कि चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ टकराव होगा ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे अवतार के रूप में सामने आ सकें, जिसके बिना भारत का गुज़ारा हो ही नहीं सकता.
चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवारों और दलों को व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों तथा लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीख़ों पर अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा.
ठाणे पुलिस का कहना है कि ये आधार कार्ड 2015 से पहले के बने हुए हैं और इन पर 2013 से 2015 की डाक टिकटें लगी हैं. इनका अब पाया जाना सवाल खड़े करता है.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आचार संहिता लागू करने की होगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरा देश मोदी-शाह की जोड़ी को हराना चाहता है तब भाजपा विरोधी वोटों को बांटकर कांग्रेस भाजपा की मदद कर रही है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सराहना करने पर राज्य में 130 लोगों को गिरफ़्तार किया गया.
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि शीला दीक्षित ने गठबंधन से इनकार कर दिया है और राहुल गांधी ने भी कहा है कि गठबंधन संभव नहीं है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए संकल्पबद्ध है. आयोग ने बताया मतदाता पहचान पत्र समेत वैध 12 पहचान पत्रों में से मतदाता को किसी एक को लेकर मतदान केंद्र पर जाना होगा.
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा अपनी स्थापना के बाद से सबसे कम सीटों पर लड़ेगी. एक तरह से वह बिना लड़े करीब 60 प्रतिशत सीटें हार गई है. सपा का बसपा से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाना हैरान करता है.
मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि आख़िर किस आधार पर आधी सीटें बसपा को दी गईं. सपा के ही लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का कहना है कि उन्होंने एक बार भी इस बारे में उनसे बात नहीं की है.
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में गठबंधन करना चाहती है, तो उसे महाराष्ट्र की सत्ता राज्य के मज़बूत सहयोगी दल के हाथों में देना होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते सोमवार को कहा था कि सत्ता में आने के बाद वह देश के ग़रीबों को न्यूनतन आय की गारंटी देंगे.
एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.