कोरोना संकट से बढ़ती बेरोजगारी में मनरेगा रोजगार गारंटी योजना ही एकमात्र सहारा रह गया है. लोगों को रोजगार देने की उचित नीति नहीं होने के कारण मोदी सरकार को अपने कार्यकाल में मनरेगा का बजट लगभग दोगुना करना पड़ा है और हाल ही में घोषित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये को जोड़ दें तो ये करीब तीन गुना हो जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना आथिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों के संबंध में घोषणाएं की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है.
वीडियो के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया के संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वित्तीय पैकेज के तीसरे हिस्से का विवरण पेश करते हुए कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, हर्बल कल्टीवेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वित्तीय पैकेज के दूसरे चरण का विवरण पेश करते हुए मजदूरों के लिए कम किराए पर घर दिलाने, मुद्रा योजना के शिशु ऋण पर ब्याज छूट देने, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए विशेष ऋण योजना की घोषणा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज के विवरण को साझा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी, एमएसएमई को विशेष पैकेज देने, ईपीएफ घटाने और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी कई घोषणाएं की.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस समय देश में कुल 80.32 करोड़ लाभार्थी हैं, लेकिन अप्रैल महीने में इसमें से 60.33 करोड़ लोगों को ही अतिरिक्त राशन दिया गया.
इन संगठनों ने आवागमन पर लागू प्रतिबंध में फंसे श्रमिकों को मुफ्त यात्रा की व्यवस्था किए जाने और सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने की भी मांग की है.
कोरोना वायरस महामारी के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव से म्यूचुअल फंड कंपनियों की नकदी हालत पर दबाव है. इसी के चलते फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड कंपनी ने अपनी छह बॉन्ड योजनाओं को बंद करने की घोषणा की.
देश के 24 राज्यों के 529 ज़िलों में कुल मिलाकर 14.13 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिसमें से अब तक में 8.49 करोड़ राशन कार्ड पर ही अनाज दिया गया है. इसका मतलब है कि अब भी 5.64 करोड़ राशन कार्ड पर अतिरिक्त राशन मिलना बाकी है.
इससे पहले 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हमें कम से कम इतना करने की जरूरत है ताकि लोगों को ये विश्वास हो कि समाज उनकी चिंता करता है और उनकी न्यूनतम देखभाल सुनिश्चित है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 15 राज्यों के 270 ज़िलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने अब तक अतिरिक्त राशन मिला है. मतलब अब भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.
मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.