दस सालों से पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज़ तृणमूल कांग्रेस का चुनावी अभियान राज्य के सबसे ज्वलंत मुद्दों से बेख़बर है. इसके बजाय पार्टी का प्रयास भाजपा की ही तरह विभाजन पैदा करना नज़र आता है.
बीते शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार ज़िले के एक मतदान केंद्र के बाहर स्थानीय लोगों के कथित हमले के बाद सुरक्षाबलों के की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोलीबारी की घटना को ‘नरसंहार’ क़रार देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने 72 घंटे के लिए नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर तथ्यों को दबाना चाहता है.
सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों और पार्टी नेताओं, उम्मीदवारों के मास्क आदि न लगाने जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल की अवज्ञा के बारे में कहा है. आयोग ने कहा है कि ऐसा करके वे ख़ुद को और सभाओं में शामिल हो रहे लोगों को भी ख़तरे में डाल रहे हैं.’
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में ऐसे प्रचारकों व प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है जो कोविड-19 के मद्देनज़र चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि आम जनता से कोविड-19 नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना वसूला जाता है लेकिन नेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
वीडियो: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिदनापुर क्षेत्र के अहम मुद्दे क्या हैं, जो चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं, जिनके आधार पर वोटर मतदान कर रहा है और किस तरह के चुनावी समीकरण वहां देखने को मिल रहे हैं. बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के कथित हमलों के ख़िलाफ़ ‘एकजुट होकर और प्रभावशाली ढंग से’ संघर्ष करने का समय आ गया है और विपक्षी नेताओं को देश के लोगों के लिए एक ‘विश्वसनीय विकल्प’ पेश करने की कोशिश करनी चाहिए
वीडियो: पश्चिम बंगाल में 15 फरवरी, 2021 को ममता बनर्जी ने किफ़ायती भोजन कराने के लिए ‘मां कैंटीन’ की शुरुआत की थी. योजना के तहत ग़रीबों को पांच रुपये में खाना खिलाया जाता है. पश्चिम बंगाल के लगभग 100 स्थानों पर इसे शुरू किया जा चुका है.
वीडियो: पश्चिम बंगाल में भूमि आंदोलन का गवाह रहा नंदीग्राम अब राज्य की राजनीति का केंद्रबिंदु बन रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी से भाजपा में गए शुभेंदु अधिकारी यहां से चुनाव मैदान में हैं. द वायर की टीम नंदीग्राम के एक ऐसे सुदूर गांव में पहुंची, जहां राष्ट्रीय मीडिया कभी नहीं पहुंचा. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की रिपोर्ट.
वीडियो: द वायर की सीनियर पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने पश्चिम बंगाल के जाधवपुर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से बात की और जानने की कोशिश की कि क्या पश्चिम बंगाल में दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता हासिल करने वाली है या फिर दिल्ली की दरबारी मीडिया कुछ और ही दिखा रही है.
सोशल मीडिया पर सिनेमा, थिएटर और संगीत के क्षेत्र से जुड़े कुछ बंगाली कलाकारों और संगीतकारों ने इस हफ़्ते रिलीज़ एक गीत में बिना किसी दल का नाम लिए ‘फासीवादी ताकतों’ को उखाड़ फेंकने की बात की है. उन्होंने बेरोज़गारी, मॉब लिंचिंग और पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों का भी मुद्दा उठाया है.
वीडियो: पश्चिम बंगाल के हावड़ा की बाली सीट से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की रिसर्च स्कॉलर दीपसिता धर चुनाव लड़ रही हैं. दीपसिता से इस चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफा खानम शेरवानी ने बातचीत की.
वीडियो: ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर क्या कहते हैं पश्चिम बंगाल के मुस्लिम समुदाय के लोग? खिदिरपुर इलाके में रहने वाले इस समुदाय के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक 2021 को मंज़ूरी दे दी. लोकसभा में यह विधेयक पिछले हफ़्ते पारित हुआ था. तमिलनाडु के सात समुदाय- देवेंद्रकुललथन, कल्लडी, कुदुंबन, पल्लन, पन्नाडी, वथिरियन और कडइयन को अब देवेंद्रकुला वेलालर के नाम से जाना जाएगा.
वीडियो: भाजपा के रोज़गार के वादे में कितनी सच्चाई है, उस पर टीएमसी की नेता फ़िरहद हाकिम सवाल उठा रहे है. उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार सात साल से केंद्र और चार साल से उत्तर प्रदेश में सत्ता में है, उसके बाद भी वहां पर लोग बेरोज़गार हैं. उनसे द वायर की सीनियर पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध का केंद्र रहे असम में 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव हैं और सीएए विरोधी आंदोलन से निकले दलों के साथ अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि वे किसी भी क़ीमत पर राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे.