स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण में नोटबंदी संबंधी आंकड़ों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिज़र्व बैंक.
आकाशवाणी और दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण प्रसारित नहीं किया.
विपक्षी दलों ने रसोई गैस सिलेंडर के मूल्य हर माह बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा है कि तेल के दाम घटने पर उपभोक्ताओं को लाभ मिलना चाहिए.
कांग्रेस ने कहा, गुजरात में एक सीट जीतने के लिए सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.
विपक्ष ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला बताया और पूछा कि कुल कितने कालेधन का पता चला.
प्रेमचंद लिखते हैं, ‘राष्ट्रीयता वर्तमान युग का कोढ़ है, उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग का कोढ़ सांप्रदायिकता थी.’
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
गोरक्षा के नाम पर पीट-पीटकर कर हो रही हत्याओं के मुद्दे पर संसद में घिरी सरकार, विपक्ष ने किया ज़बरदस्त हमला, सरकार बोली- सहिष्णुता इस देश का डीएनए है.
राजग में शामिल पार्टी के सांसद का सवाल, क्या किसान आतंकवादी हैं? विपक्ष ने कहा, पहले फ़सलों के दाम दोगुना करने का वादा किया, अब किसानों पर गोली चला रही है सरकार.
राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने से लेकर विपक्ष की एकजुटता और आगे की चुनावी रणनीतियों पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद केसी त्यागी से एमके वेणु की बातचीत.
जन गण मन की बात की 79वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा और विपक्ष के विफल होने पर चर्चा कर रहे हैं.
जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.
जन गण मन की बात की 54वीं कड़ी में विनोद दुआ बैंकों द्वारा छोटे और मझोले उद्योगों को कर्ज़ देने से मना करने और सरकार द्वारा विपक्ष को घेरने की कोशिशों पर चर्चा कर रहे हैं.
भाजपा को मात देने के लिए विपक्षी दलों की गोलबंदी भले शुरू हो गई हो, लेकिन फ़िलहाल ऐसा कोई मुद्दा सामने नहीं आया है जो भाजपा के विरोध में हलचल पैदा कर सके.
समाजवादी नेता मधु लिमये के जयंती समारोह में मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और मायावती में से कोई भी नज़र नहीं आया.