1948 में जब समाजवादी नेता को हराने के लिए फ़ैज़ाबाद कांग्रेस ने राम जन्मभूमि का कार्ड खेला था

पुस्तक अंश: फ़ैज़ाबाद में 1948 में हुए उपचुनाव में समाजवादी नेता आचार्य नरेंद्र देव मैदान में थे. कांग्रेस ने उनके ख़िलाफ़ देवरिया के बाबा राघव दास को अपना प्रत्याशी बनाया. चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने कहा था कि आचार्य नरेंद्र की विद्वत्ता का लोहा भले दुनिया मानती है, लेकिन वे नास्तिक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या ऐसे व्यक्ति को कैसे स्वीकार कर पाएगी?

‘इतनी निष्पक्ष है सशक्त सत्ता कि निष्पक्षता भी रख ले दो मिनट का मौन’

आज जब यह सच्चाई और कड़वी होकर हमारे सामने है कि उस दिन बाबरी मस्जिद को शहीद करने वालों ने न सिर्फ अयोध्या बल्कि शेष देश में भी बहुत कुछ ध्वस्त किया था, यह देखना संतोषप्रद है कि देश के कवियों ने इस सच्चाई को समय रहते पहचाना और उसे बयां करने में कोई कोताही नहीं बरती.

विहिप ने अयोध्या को रणक्षेत्र बनाया तो ‘हिंदू’ हुई हिंदी पत्रकारिता

मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.

सड़कों पर नाम-पता पूछने वाला ‘जय श्रीराम’ अब भेस बदलकर स्कूलों में पांव पसार रहा है

मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.

यह प्रार्थना पर नहीं बल्कि हिंदू समाज के दिलो-दिमाग के सिकुड़ने पर दुख मनाने का वक़्त है

विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?

मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े 41 में से 40 मामलों में सभी आरोपी बरी

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 को हुए दंगों में हत्या के गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के बाद अदालत ने सभी 10 मुक़दमों के आरोपियों को रिहा कर दिया. मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में 65 लोगों की मौत हुई थी.

राम मंदिर को लेकर जनता को मूर्ख बना रही है केंद्र सरकार: स्वामी स्वरूपानंद

पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के ख़िलाफ़ उनके विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. ममता राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं.

पुणे: जुलूस में हथियार लेकर चलने का आरोप, विहिप के 250 कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज

महाराष्ट्र के पुणे के नज़दीक स्थित पिंपरी चिंचवाड़ इलाके का मामला. पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े एक मामले में सबूतों के अभाव में 12 आरोपी बरी

आरोप था कि मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के दौरान सात सितंबर 2013 को ज़िले के लिसाढ गांव के घरों में आग लगा दी गई थी और लूटपाट की गई थी.

क्यों राम जन्मभूमि की रट लगाने वाली जमातें अयोध्या की हनुमानगढ़ी का नाम नहीं लेतीं?

अयोध्या की ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी ने आज़ादी के पहले से ही अपनी व्यवस्था में लोकतंत्र और चुनाव का ऐसा अनूठा और देश का संभवतः पहला प्रयोग कर रखा है, जिसका ज़िक्र तक करना सांप्रदायिक घृणा की राजनीति करने वालों को रास नहीं आता.

पुलवामा हमला: हिंदुत्ववादी संगठन के दबाव में देहरादून के कॉलेज ने कश्मीरी डीन को निलंबित किया

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद देहरादून में एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर दो कॉलेजों ने अगले सत्र से कश्मीरियों को दाख़िला न देने की बात कही है.

पुलवामा हमला: जेएनयू छात्रा शहला राशिद पर अफ़वाह फैलाने का आरोप, एफआईआर दर्ज

बीते शनिवार को शहला राशिद ने एक ट्वीट में दावा किया था कि गुस्साई भीड़ की वजह से देहरादून के हॉस्टल में कुछ कश्मीरी लड़कियां फंसी हुई हैं. पुलिस कहा कहना है कि उनका ये दावा ग़लत था और इसी वजह से उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया गया है.

पुलवामा हमला: देहरादून के दो संस्थानों ने कहा, अगले सत्र से कश्मीरियों को दाखिला नहीं देंगे

देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान और अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने पत्र जारी कर कहा कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र का एडमिशन नहीं करेंगे.

विहिप के लोकसभा चुनाव तक राम मंदिर आंदोलन रोकने की वजह आस्था नहीं राजनीति है

विहिप को अपने राम मंदिर आंदोलन के इतिहास में पहली बार ऐसा लग रहा है कि उसके अभियान से भाजपा को राजनीतिक लाभ के बजाय हानि हो सकती है. इसे लेकर कोई भी आक्रामकता मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जाएगी, इसलिए उसने रक्षात्मक होते हुए कछुए की तरह अपने हाथ-पांव समेट लिए हैं, जो अनुकूल समय मिलते ही बाहर आ जाएंगे.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा: दो युवकों की हत्या के मामले में सात को उम्रकैद

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में अलग-अलग घटनाओं में दो चचेरे भाइयों गौरव और सचिन के साथ एक अन्य युवक शाहनवाज कुरैशी की हत्या हो गई थी जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा फैल गई थी. इस दौरान 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि 50 हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गए थे.

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