राजस्थान के टोंक ज़िले का मामला. बच्ची शनिवार को एक स्कूली कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी. बच्ची का शव अगले दिन पास के एक गांव से बरामद किया गया.
राजस्थान में बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इसे नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार के लिए बड़ी राजनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है.
इस विलय के बाद संख्या बल के हिसाब से राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक, भाजपा के 72, माकपा, आरएलपी व बीटीपी के दो-दो विधायक हो गए हैं. इसके अलावा 13 विधायक निर्दलीय हैं जबकि दो सीटें खाली हैं.
अलवर ज़िले के थानागाजी थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल को अपने पति के साथ जा रही एक दलित महिला से पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था. राज्य में 29 अप्रैल को मतदान होना था और आरोप है कि चुनाव के चलते स्थानीय पुलिस मामले को टालती रही और दो मई को मामला दर्ज हुआ था.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पायलट साहब ने कहा था कि कांग्रेस जोधपुर की सीट पर बहुत भारी बहुमत से जीतेगी. हमने शानदार प्रचार किया तो मैं समझता हूं कि पायलट साहब कम से कम उस सीट की ज़िम्मेदारी तो लें. जोधपुर सीट का पूरा पोस्टमॉर्टम होना चाहिए कि हम लोग क्यों नहीं जीते.
लोकसभा चुनाव में मिली क़रारी हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में इसकी जवाबदेही और ज़िम्मेदारी तय किए जाने की मांग उठी. कृषि मंत्री के इस्तीफ़ा देने की चर्चा. पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं की बयानबाज़ी से संकट और गहराया.
महज़ पांच महीने पहले राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की एक भी सीट नहीं जीत पाई है.
राजस्थान के अलवर में 26 अप्रैल को अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही दलित महिला के साथ कथित तौर पर पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. इस घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया गया था.
एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.
टिकट वितरण और मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई रस्साकशी मंत्रिमंडल के गठन में भी जारी रही. यदि दोनों के बीच ज़ोर आजमाइश यूं ही चलती रही तो कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है.
राहुल गांधी को लेकर संशय ख़त्म नहीं हुआ है. उन्हें अब भी यह साबित करना है कि वे नरेंद्र मोदी का व्यावहारिक विकल्प हैं.
अशोक गहलोत 1998 में पहली बार और 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे. सचिन पायलट लोकसभा सदस्य और मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 99 में से 25 विधायकों, भाजपा के 73 में से 12 विधायकों और बसपा के छह में से दो विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कमलनाथ को हाथों में होगी मध्य प्रदेश की कमान. मध्य प्रदेश 18वें मुख्यमंत्री बनने वाले कमलनाथ 17 दिसंबर को लेंगे शपथ.
राजस्थान विधानसभा चुनाव पर द वायर की महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स.