द वायर बुलेटिन: जस्टिस एके पटनायक करेंगे सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की कथित साज़िश की जांच

कांग्रेस द्वारा बनारस से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अजय राय को टिकट देने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद भाजपा ने गोरखपुर से रवि किशन को टिकट क्यों दिया?

विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा, वाराणसी से मोदी के ख़िलाफ़ नहीं लड़ूंगा चुनाव

बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगा.

उत्तर प्रदेश में बसपा द्वारा बांटे गए टिकट जातीय समीकरण साधने की ओर इशारा करते हैं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.

हिंदी भाषी क्षेत्र तय करेंगे नरेंद्र मोदी का राजनीतिक भविष्य

2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की ज़बरदस्त जीत 2019 में दोहराई नहीं जाएगी क्योंकि तब की तुलना में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में भाजपा अपना आधार खोती नज़र आ रही है.

भाजपा को सिर्फ़ इतनी सीटें मिलेंगी कि उनका अस्तित्व बचा रहे: आज़म ख़ान

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी आज़म ख़ान से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

यूपी: सहारनपुर में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने की वोट न बंटने देने की अपील

बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन की पहली रैली सहारनपुर के देवबंद में की, जहां पहले चरण में 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं.

क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की हालत ठीक नहीं है?

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आठ सीटों पर चुनाव होने हैं, इनमें से सात सीटों पर भाजपा का क़ब्ज़ा है. इन सीटों को बचाकर रखना उसके लिए चुनौतीपूर्ण नज़र आ रहा है, क्योंकि सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशियों की वजह से मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है.

द वायर बुलेटिन: भाजपा समर्थक फेसबुक पेजों ने दो हफ्ते में प्रचार पर ख़र्च किए डेढ़ करोड़ रुपये

उत्तराखंड में सीनियरों द्वारा छात्र की पीट-पीटकर हत्या के बाद प्रशासन द्वारा शव को स्कूल में ही दफनाने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

जयाप्रदा पर सपा नेता की आपत्तिजनक टिप्पणी, महिला आयोग ने भेजा नोटिस

समाजवादी पार्टी के नेता फ़िरोज़ ख़ान ने कहा कि जयाप्रदा के रामपुर आने पर यहां की शामें रंगीन होंगी. आज़म खां ने रामपुर में बहुत काम किया है इसलिए वोट तो सपा को ही देंगे, लेकिन इसके बीच लोग अब मज़ा लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए क्या संभावनाएं हैं?

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अस्मिता की राजनीति सबसे अधिक तीखी है. पटेल, कुर्मी, राजभर, चौहान, निषाद, कुर्मी-कुशवाहा आदि जातियों की अपनी पार्टियां बन चुकी हैं और उनकी अपनी जातियों पर पकड़ बेहद मज़बूत है. कांग्रेस को इन सबके बीच अपने लिए कम से कम 20 फीसदी से अधिक वोटों को जुगाड़ करना होगा तभी वह यूपी में सम्मानजनक स्थान पा सकती है.

बसपा के साथ कम सीटों पर समझौता करना चुनाव से पहले ही सपा की हार जैसा है

2019 के लोकसभा चुनाव में सपा अपनी स्थापना के बाद से सबसे कम सीटों पर लड़ेगी. एक तरह से वह बिना लड़े करीब 60 प्रतिशत सीटें हार गई है. सपा का बसपा से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाना हैरान करता है.

हमारी पार्टी मज़बूत थी तो बसपा को आधी सीटें क्यों दी गईं: मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि आख़िर किस आधार पर आधी सीटें बसपा को दी गईं. सपा के ही लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के बीच गठबंधन, उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

सपा-बसपा के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा करते हुए अखिलेश यादव बोले- भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए बसपा और सपा का मिलना बहुत ज़रूरी था.