विकास के दावों के बीच भारत के अनुभव और ज़मीनी सच्चाई बता रही है कि समाज और सरकारें बच्चों का संरक्षण सुनिश्चित कर पाने में तो नाकाम हैं ही आगे भी इनके नाकाम रहने की आशंका है.
वामपंथी दल आज़ादी के बाद विकसित अपनी वह छवि नहीं बचा पाए हैं, जिसमें उन्हें सत्ता का सबसे प्रतिबद्ध वैचारिक प्रतिपक्ष माना जाता था. वे परिस्थितियों के नाम पर कभी इस तो कभी उस बड़ी पार्टी की पालकी के कहार की भूमिका में दिखने लगे.
मीडिया बोल की 46वीं कड़ी में उर्मिलेश पोक्सो क़ानून में किए गए बदलाव और मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूछा कि क्या उस नतीजे के बारे में सोचा गया जो पीड़िता को भुगतना पड़ सकता है? बलात्कार और हत्या की सजा एक जैसी हो जाने पर कितने अपराधी पीड़ितों को ज़िंदा छोड़ेंगे?
बाल अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ से जुड़ीं बिदिशा पिल्लई ने कहा, ‘मौत की सज़ा समस्या का समाधान नहीं हो सकता है.’
अमित शाह ने राहुल के भाषण पर कहा कि जिन्हें सेना, उच्चतम न्यायालय, चुनाव आयोग, ईवीएम, आरबीआई पर विश्वास नहीं है, वे अब कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है.
दुनिया भर में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर है, जिसके अरबपति नागरिकता छोड़ देते हैं. 2015 और 2017 के बीच 17,000 अति अमीर भारतीयों ने प्यारे भारत का त्याग कर दिया.
फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा कि बॉलीवुड में व्याप्त यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर कलाकारों की बातों का तब तक कोई मतलब नहीं है, जब तक इसे झेलने वाले अपना मुंह बंद रखते हैं.
प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि हम कैमरा देखते ही बयान देने लग जाते हैं. मीडिया जो हिस्सा उपयोगी समझता है, उसका इस्तेमाल करता है. यह उसकी ग़लती नहीं है. हमें ख़ुद को रोकना होगा.
महाभियोग प्रस्ताव ख़ारिज होने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि यह लोकतंत्र को ख़ारिज करने वालों और लोकतंत्र को बचाने वालों के बीच की लड़ाई है.
कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने कहा कि न्यायमूर्ति के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमतर आंकने वाले हैं.
पुण्यतिथि विशेष: शलभ श्रीराम सिंह ने नकारात्मकता के बजाय संघर्ष या युद्ध को अपनी कविता का महत्वपूर्ण पक्ष बनाया.
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं, पर इन्हें कभी रोका नहीं जा सकता है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम और मेघालय के प्रमुख समाचार.
सेंट्रल एक्साइज कानपुर में तैनात रहे संसार चंद पिछले साल गठित जीएसटी विभाग के पहले वरिष्ठ अधिकारी हैं जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. उन पर एक कारोबारी से रिश्वत लेने के आरोप हैं.
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने अध्यादेश के विरोध में कहा है कि मौत की सज़ा के प्रावधान के बाद बच्चियों से बलात्कार के ज्यादातर मामले दर्ज ही नहीं कराए जाएंगे. क्योंकि ज्यादातर मामलों में परिवार के सदस्य ही आरोपी होते हैं.
उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा सांसद भरत सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में लोगों के ईसाई बनने से लोकतंत्र कमजोर हुआ है.
विशेष रिपोर्ट: दैनिक जागरण ने बीते 20 अप्रैल को ‘कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म’ शीर्षक से एक रिपोर्ट अपने सभी प्रिंट और आॅनलाइन संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा कि उद्योगपतियों के व्यापार के लिए सरकारों ने सिंगल विंडो की व्यवस्था कर दी लेकिन किसानों को नलकूप के कनेक्शन के लिए दर-दर भटकने को छोड़ दिया है.
जिस हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की उसी हिंदुस्तान में हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली पत्रकारिता करने वाले रोहित सरदाना को उनके नाम पर पुरस्कृत करने का फ़ैसला किया गया है.
कठुआ मामला में बलात्कार न होने की मीडिया रिपोर्ट पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण, कहा मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर ही फाइल की गई है चार्जशीट.
जयपुर के एक अस्पताल ने चुरू और भरतपुर से लाए गए तकरीबन 28 ग्रामीणों को एक अनजान टैबलेट दी थी. दवा की वजह से कुछ लोगों के हाथ पैर में दर्द और कुछ लोगों को नशा चढ़ने लगा था.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने की ऐसी कोशिश हाल के वर्षों में पहले अनुभव नहीं की गई.
पॉक्सो एक्ट में बड़ा बदलाव, 12 साल से कम उम्र के बच्चों से रेप पर होगी फांसी की सज़ा.
संविधान में किसी कार्यरत जज को उसके पद से हटाए जाने की प्रक्रिया बेहद जटिल है. संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रपति ही उन्हें हटा सकते हैं.
लंबे समय से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से नाराज़ चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज देश के लोकतंत्र पर ख़तरा है.
फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट के अनुसार, जाली मुद्रा रिपोर्ट (सीसीआर) की संख्या 2015-16 के 4.10 लाख से बढ़कर 2016-17 में 7.33 लाख पर पहुंच गई. संदिग्ध लेन-देन में भी 480 प्रतिशत से भी अधिक का इज़ाफ़ा.
आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम कर रहे जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा से बातचीत.
जन गण मन की बात की 230वीं कड़ी में विनोद दुआ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव और नरोदा पाटिया हिंसा मामले में भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के बरी होने पर चर्चा कर रहे हैं.
संप्रग सरकार ने 2005 में राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में मुस्लिमों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दशा का पता लगाने के लिए सच्चर कमेटी बनाई थी.
गोदी मीडिया के पास यह मानने के क्या आधार हैं कि दूसरे जज ख़िलाफ़ में फ़ैसला देंगे? महाभियोग के आरोपों को ख़ारिज करने के क्रम में गोदी मीडिया भी सीमाएं लांघ रहा है.
कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने का नोटिस उपराष्ट्रपति को दिया है. कांग्रेस ने कहा कि उसके इस क़दम के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस देश में कोई भी संस्थान सुरक्षित नहीं है, भले ही वो न्यायपालिका ही क्यों न हो. भारत की छवि अपराध और बलात्कार वाले देश की बन गई है.
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं. मैंने असीमानंद को बताया कि बंगाल में स्थिति ख़राब है और हमें यहां काम करने की ज़रूरत है. इस पर वो सहमत हैं.’
सीजेआई दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए, जिसमें कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और मुस्लिम लीग शामिल हैं.
गुजरात हाईकोर्ट ने दिया फैसला, इसी मामले में बाबू बजरंगी की उम्रक़ैद की सज़ा बरक़रार.
इतिहासकार प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी ने कहा कि वह राष्ट्रवाद सर्वसमावेशी और बहुआयामी था, जिसमें हर क्षेत्र, धर्म, संप्रदाय, हर भाषा को बोलने वाले और सभी जनजातीय समूह के लोग शामिल थे.
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के रेडिकल पक्ष को नज़रअंदाज़ करने के पीछे की राजनीति बहुत पुरानी है. शासक जमातें उत्पीड़ित तबकों से आने वाले नेताओं को सीमित करके प्रस्तुत करती हैं.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जज लोया की ‘संदिग्ध’ मौत पर स्वतंत्र जांच की याचिका ख़ारिज करने के बाद परिवार ने कहा अब किसी पर विश्वास नहीं.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत से वर्ष 2017 तक कुल 13,976 आम नागरिकों और 5,123 सुरक्षा बलों ने अपनी जान गंवाई.