लखनऊ: सीएए आंदोलन में जेल से रिहा तौफ़ीक़ का परिवार क़ानूनी लड़ाई के कारण क़र्ज़ में डूबा

वीडियो: सीएए आंदोलन के संबंध में जेल भेजे गए अब्दुल तौफ़ीक़ नौ महीने के बाद ज़मानत पर रिहा हुए हैं. उनकी रिहाई का मुक़दमा लड़ने में उनका परिवार क़र्ज़ में डूब गया है. परिवार का कहना है कि कोर्ट से स्टे होने के बावजूद घर की कुर्क़ी के नोटिस आ रहे हैं. तौफ़ीक़ का कहना है बेक़सूर नौजवानों को जेल भेजकर पुलिस उनके भविष्य से खेल रही है.

यूपी: सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं रहे मुस्लिम नाबालिग को 11 महीने बाद मिली रिहाई

ठाकुरगंज के रहने वाले 16 साल के हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था. हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था.

सीएए विरोधी हिंसा: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लखनऊ प्रशासन ने फ़िर लगवाए आरोपियों के पोस्टर

इस साल मार्च महीने में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ प्रशासन के इस क़दम पर सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे. अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाना अनुचित है और यह संबंधित लोगों की व्यक्तिगत आज़ादी में पूरी तरह से दख़लअंदाज़ी है.

बिहार: क्या सीएए को लेकर आमने-सामने आ गए हैं नीतीश कुमार और भाजपा?

बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.

दिल्ली दंगा: यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जामिया के छात्र की ज़मानत याचिका ख़ारिज

फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा को 20 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी ज़मानत याचिका रद्द करते हुए स्थानीय अदालत के जज ने कहा कि सीएए के नाम पर हंगामेदार प्रदर्शन दिखाते हैं कि यह देश के ख़िलाफ़ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से किए गए थे.

खासी छात्र संगठन ने मेघालय में बंगालियों को बांग्लादेशी बताने वाला बैनर लगाया

यह मुद्दा तब गरमाया है जब कुछ लोगों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर इचामाती में स्थानीय लोगों द्वारा बंगालियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इस गांव में अधिकांश ग़ैर आदिवासी बंगाली हैं. फरवरी में सीएए को लेकर खासी समूह और ग़ैर आदिवासियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में छात्र संगठन का एक सदस्य मारा गया था. शिलॉन्ग: मेघालय के एक प्रभावशाली छात्र संगठन ने बैनर लगाया है,

‘रिलीजियस नेशनलिज़्म’ देश की विभाजनकारी राजनीति की पड़ताल की एक कोशिश है

पुस्तक समीक्षा: विश्लेषकों की निगाह में भारत अधिनायकवाद के स्याह गर्त में जाता दिख रहा है और विभाजक राजनीति के लगातार वैधता हासिल करने को लेकर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं. प्रख्यात शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता राम पुनियानी की नई किताब इस बहस में एक नया आयाम जोड़ती है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने भारत में एनजीओ पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट ने भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है. उनकी टिप्पणी पर भारत की ओर से कहा गया है कि मानवाधिकार के नाम पर क़ानून का उल्लंघन माफ़ नहीं किया जा सकता.

कोविड-19 के कारण सीएए लागू करने में देरी हुई, बहुत जल्द लागू होगा: भाजपा अध्यक्ष

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए नागरिकता संशोधन क़ानून के एक बड़ा चुनावी मुद्दा होने की ओर इशारा करते हुए सिलीगुड़ी में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी इस कानून को लागू करने लिए प्रतिबद्ध है.

दिल्ली दंगा: गवाहों के नाम सार्वजनिक करने पर कोर्ट ने जांच अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया

दिल्ली पुलिस ने दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया था, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई थी. पिछले दिनों अदालत में दाख़िल पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई थी.

दिल्ली दंगा: पुलिस ने जिन ‘सीक्रेट’ गवाहों की पहचान छिपाने की बात कही, चार्जशीट में दिए उनके नाम

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिल्ली दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया है, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई है. पिछले दिनों दायर पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई है.

दिल्ली दंगा: पुलिस चार्जशीट के अनुसार- वॉट्सऐप ग्रुप ने धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा दिया

अदालत में दाख़िल दिल्ली पुलिस की एक चार्जशीट के अनुसार, ‘हिंदू कट्टर एकता’ नाम का वॉट्सऐप ग्रुप कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से बदला लेने के लिए 25 फरवरी को बनाया गया था.

दिल्ली दंगे से जुड़े दो वॉट्सऐप ग्रुप और दिल्ली पुलिस के दोहरे मानक

दिल्ली दंगा मामले में सामने आए दो वॉट्सऐप ग्रुप में से एक 'हिंदू कट्टर एकता ग्रुप' है, जहां 'मुल्लों को मारने' के दावे किए गए हैं. दूसरी ओर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप में सीएए विरोधी प्रदर्शन, हिंसा न करने और संविधान में भरोसा रखने की बातें हुई हैं. दिल्ली पुलिस ने दूसरे ग्रुप के कई सदस्यों को दंगों का साज़िशकर्ता बताया है.

दिल्ली दंगा: ट्रंप क्रोनोलॉजी पर हुई चूक के बाद दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट का रुख बदला

दिल्ली दंगा मामले में दायर एक चार्जशीट में दावा किया गया था कि 8 जनवरी को हुई एक बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय हिंसा की योजना बनाई गई थी. पिछले दिनों एक अन्य आरोपपत्र में पुलिस ने इसे हटाते हुए कहा है कि सीएए विरोधी प्रदर्शन 2019 आम चुनाव में भाजपा की जीत से खोई ज़मीन पाने के लिए बड़े पैमाने दंगे करवाने की 'आतंकी साज़िश' का हिस्सा थे.

दिल्ली दंगा: कपिल मिश्रा का दावा- कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया, सिर्फ़ प्रदर्शन की बात कही थी

भाजपा नेता कपिल मिश्रा का दिल्ली दंगों से एक दिन पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक डीसीपी के बगल में खड़े होकर दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए तीन दिनों के भीतर ज़ाफ़राबाद और चांदबाग की सड़कें ख़ाली कराने को कह रहे थे. ऐसा नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात कही थी.

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