देश के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने शनिवार को गोवा में हुए एक कार्यक्रम में यूनिफॉर्म सिविल कोड की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस बारे में अक्सर चर्चा करने वाले बुद्धिजीवियों को यहां आकर इसका प्रभाव देखना चाहिए. गोवा देश का एकमात्र राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है.
बीते दिनों मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे द्वारा एक बलात्कार के आरोपी से पूछा गया था कि क्या वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है. इसे लेकर काफी आलोचना हुई थी और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफ़े की भी मांग की थी. अब सीजेआई बोबडे ने कहा है कि अदालत ने ऐसा आदेश नहीं दिया था, बस पूछा था.
चार हज़ार से अधिक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील समूहों और नागरिकों ने सीजेआई एसए बोबडे से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उनके शब्द अदालत की गरिमा पर दाग़ लगा रहे हैं और उस चुप्पी को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे तोड़ने के लिए महिलाओं ने कई दशकों तक संघर्ष किया है.
एक नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार करने के आरोपी महाराष्ट्र के एक सरकारी कर्मचारी ने हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत रद्द होने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी. सुनवाई के दौरान सीजेआई बोबडे ने उससे पूछा कि क्या वह पीड़िता से शादी करना चाहता है, जिस पर उसके वकील ने बताया कि वह विवाहित है.
वकील के तौर पर काम करने के दौरान जस्टिस एसए बोबडे शेतकारी संगठन से जुड़े थे, जिसके प्रमुख अनिल घनवट कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बात करने के लिए बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की समिति में हैं. घनवट बोबडे के संगठन से अलग होने के बाद उभरे, पर वरिष्ठ किसान नेताओं ने उनके चयन पर सवाल उठाए हैं.
भारती सीमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के परिवार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है और उनकी पत्नी कंपनी की निदेशक हैं. अप्रैल 2020 से 18 जनवरी 2021 तक राज्य द्वारा सीमेंट की ख़रीद के लिए दिए गए कुल ऑर्डर में से 14 फीसदी इस कंपनी को मिले हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उच्चतर न्यायपालिका के जज के ख़िलाफ़ शिकायत पर सीजेआई की संभावित कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के हवाले से प्रकाशित हुई ख़बरों के बाद शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस तरह की प्रक्रियाएं आतंरिक होती हैं, जिनकी जानकारी जारी नहीं की जाती.
सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा राज्य में संवैधानिक संकट होने या नहीं होने की जांच करने का आदेश दिए जाने को चुनौती दी गई है.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक शिकायत में कहा था कि राज्य में अहम पदों पर बैठे कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने जानबूझकर सुप्रीम और हाईकोर्ट के कुछ जजों पर आदेश सुनाने में जाति व भ्रष्टाचार संबंधी आरोप लगाए. हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच राज्य सीआईडी से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दर्ज तीन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने न केवल न्यायपालिका के ख़िलाफ़ आरोप लगाते हुए सीजेआई को पत्र लिखा, बल्कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठे बयान भी दिए.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पत्र की टाइमिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये इसे सार्वजनिक करना बिल्कुल संदिग्ध कहा जा सकता है. पर ये पत्र सीजेआई बोबडे को लिखा गया था और वे इन आरोपों से वाक़िफ हैं, इसलिए अटॉर्नी जनरल द्वारा अवमानना कार्यवाही की इजाज़त देना उचित नहीं होगा.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने पिछले दिनों देश के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमन्ना उनकी सरकार गिराने की साज़िश कर रहे हैं और राज्य के हाईकोर्ट की पीठों को प्रभावित कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना उनकी सरकार को गिराने की साज़िश कर रहे हैं.
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर न्यायपालिका पर की गईं टिप्पणियों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अप्रैल से ही उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा जजों के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. यह दर्शाता है कि न्यायपालिका के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी गई है.
मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सीजेआई एसए बोबड़े को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर भ्रष्टाचार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की ओर से उनकी सरकार गिराने की साज़िश रचने के आरोप लगाए हैं. जगन का यह भी आरोप है कि जस्टिस रमन्ना राज्य की न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं.