गृह मंत्रालय के एक पत्र से पता चला है कि आलोक वर्मा के पीएफ व अन्य लाभ पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि वह अनधिकृत अवकाश पर चले गए. पिछले साल सीबीआई निदेशक रहने के दौरान आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इसके बाद सरकार ने आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कथित रिश्वत लेने के मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को दी गई समयसीमा तीसरी बार बढ़ाते हुए कहा कि इसके बाद और वक़्त नहीं दिया जाएगा.
एक्सक्लूसिव: दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कथित रिश्वत लेने के मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को चार महीने की मियाद दी थी, जो 30 सितंबर को ख़त्म हो रही है.
सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार मामले के जांच अधिकारी सतीश डागर ने ऐसे समय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है, जब बीते 31 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चार महीने में पूरी करने का आदेश दिया था.
पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा एनएसए अजीत डोभाल के फोन को अवैध रूप से टैप करने की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई थी. एजेंसी ने अदालत के समक्ष हलफनामा दायर कर जवाब दिया.
ऋषि कुमार शुक्ला को नया सीबीआई निदेशक बनाए जाने पर चयन समिति के सदस्य और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अंसतोष जताए जाने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता पर लगातार असहमति जताने का आरोप लगाया.
1983 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सदस्यता वाली चयन समिति शुक्रवार को हुई बैठक में सीबीआई निदेशक पद के लिए किसी एक नाम पर एकमत नहीं हो सकी.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि जांच ब्यूरो के निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी क्योंकि यह पहले से ही मालूम था कि एजेंसी प्रमुख जनवरी में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई एसपी टी. राजा बालाजी ने अपने ट्रांसफर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बालाजी ने यह भी दावा किया है कि उनके खिलाफ अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ सबूत हैं.
ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में 2जी घोटाले की जांच कर रहे एसपी विवेक प्रियदर्शी और स्टरलाइट प्लांट के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए 13 लोगों के मामले की जांच कर रहे अधिकारी ए. सर्वनन भी शामिल हैं.
जांच एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की जांच करने वाले एके बस्सी ने आरोप लगाया है कि वह जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के शोषण का शिकार हैं.
केंद्र सरकार ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार अधिकारियों- एके शर्मा, एमके सिन्हा, जयंत जे. नाइकनवरे का कार्यकाल ख़त्म कर दिया है.
अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच की निगरानी कर रहीं सीबीआई की डीआईजी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता 10 जनवरी को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में आलोक वर्मा को हटना का कड़ा विरोध जाहिर करने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जांच रिपोर्ट और बैठक के मिनट्स सार्वजनिक किए जाएं ताकि जनता अपने निष्कर्ष निकाल सके.
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला किया था. इसी समय आलोक वर्मा मामले की सुनवाई चल रही थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जज एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला पिछले महीने लिया जब आलोक वर्मा मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. सीकरी आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के सदस्य थे.
आलोक वर्मा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई चयन समिति का हिस्सा रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके द्वारा मांग करने के बावजूद सरकार ने जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट को साझा नहीं किया.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में रिकॉर्ड की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा था.
पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति को आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका देना चाहिए था और इसके बाद फैसला लेना चाहिए था.
जब प्रधानमंत्री कार्यालय पर ही सवाल हों, तब प्रधानमंत्री उससे जुड़े किसी मामले में फ़ैसला कैसे कर सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति ने आलोक वर्मा को हटाने के लिए बहुत जल्दबाजी में फैसला लिया. सीवीसी जो कहता है वह अंतिम शब्द नहीं हो सकता है.
सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था.
आलोक वर्मा के तबादले के बाद सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रक्रिया को देखते हुए आलोक वर्मा को सीवीसी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जाना चाहिए था. अगर ऐसा किया जाता तो हम सभी फैसले का स्वागत करते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की एक लंबी बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया.
अक्टूबर 2018 में छुट्टी पर भेजे जाने से पहले आलोक वर्मा राफेल सौदे से लेकर स्टर्लिंग बायोटेक जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामले देख रहे थे. इनमें से एक मामला ऐसा है जिसमें प्रधानमंत्री के सचिव आरोपी हैं.
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी भी थे. वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला बहुमत से किया गया, जहां खड़गे ने इसका विरोध किया.
बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को ख़ारिज कर दिया और वर्मा पर लगे आरोपों को लेकर चयन समिति द्वारा एक हफ्ते के भीतर फैसला लेने को कहा था.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की बहाली पर सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जब कोर्ट यह मानता है कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजना क़ानून के ख़िलाफ़ था, तो उन्हें बहाल करने के साथ उनकी सारी शक्तियां भी देनी चाहिए थीं. उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के निर्णय तक उन्हें नीतिगत फ़ैसले से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है.
डीओपीटी और सीवीसी द्वारा वर्मा को उनकी शक्तियों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के आदेश को ख़ारिज करते हुए अदालत ने सीवीसी की उच्चाधिकार प्राप्त समिति से एक हफ़्ते के भीतर निर्णय लेने को कहा है.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव सामने आने के बाद 24 अक्टूबर को एम. नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.
कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच झगड़ा रातोंरात सामने आया, जिसकी वजह से सरकार को चयन समिति से परामर्श के बगैर ही निदेशक के अधिकार वापस लेने को विवश होना पड़ा हो. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा मामले की सुनवाई पूरी. फैसला बाद में सुनाया जाएगा.
सीबीआई विवाद: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कहा कि सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच लड़ाई से जांच एजेंसी की स्थिति हास्यास्पद हो गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कार्रवाई के संबंध में सात दिसंबर तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ‘हम आज सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हमें नहीं लगता कि आप में से कोई भी सुनवाई के लायक है.’ अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
बीते 16 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ टिप्पणियां की हैं और वह कुछ आरोपों की आगे जांच करना चाहता है, जिसके लिए उसे और समय चाहिए.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सीवीसी द्वारा कोर्ट को दी गई जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को सौंप दिया और उनसे इस पर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.