सीआईसी के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए पांच में से चार उम्मीदवारों ने नहीं किया था आवेदन

सरकार द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों से यह खुलासा हुआ है कि इस पद के लिए आवेदन करने वाले दो वरिष्ठ सूचना आयुक्तों को भी शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया था. हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि आवेदन करने वालों में से ही सर्च कमेटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.

मोदी सरकार ने पूर्व कानून सचिव सुरेश चंद्रा को आवेदन किए बगैर ही बनाया सूचना आयुक्त

आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में से ही सर्च कमेटी सूचना आयुक्त के लिए योग्य लोगों को शॉर्टलिस्ट करेगी. अगर सरकार को अपने मन से ही नियुक्ति करनी है तो आवेदन क्यों मंगाए गए.

मोदी सरकार ने की चार नए सूचना आयुक्तों की नियुक्ति, चारों लोग रिटायर्ड बाबू हैं

आयोग के वरिष्ठ सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव को मुख्य सूचना आयुक्त बना दिया गया है. इन चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बाद भी अभी भी केंद्रीय सूचना आयोग में कुल चार पद खाली हैं.

सूचना का अधिकार कानून के दुरुपयोग की कोई जानकारी नहीं है: केंद्र सरकार

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के दुरुपयोग की कोई जानकारी भारत सरकार के संज्ञान में नहीं है. दुरुपयोग से बचने के लिए आरटीआई कानून में पहले से ही व्यवस्था दी गई है.

आरटीआई में संशोधन से समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए लोगों से सलाह नहीं ली गई: केंद्र

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में आरटीआई संशोधन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रस्तावित संशोधन में कोई सामाजिक या आर्थिक प्रभाव शामिल नहीं है इसलिए सरकार से बाहर सलाह प्रक्रिया का पालन करने की ज़रूरत नहीं पड़ी.

आरटीआई संशोधन के विरोध में उतरे कार्यकर्ता, पूर्व सूचना आयुक्त ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन नहीं करने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और आठ राज्यों से पूछा, सूचना आयुक्त के पदों को भरने के लिए क्या किया

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र और राज्य के सूचना आयोगों में सूचना आयुक्त के पदों का ख़ाली रहना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. आरटीआई एक्ट पारित करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना था.

आरटीआई रैंकिंग: मोदी सरकार में छठे स्थान पर पहुंचा भारत, मनमोहन सरकार में दूसरे नंबर पर था

भारत से नौ साल बाद साल 2014 में आरटीआई लागू करने वाला अफगानिस्तान सूची में पहले स्थान पर है. अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था एक्सेस इन्फो यूरोप और सेंटर फॉर लॉ एंड डेमोक्रेसी ने जारी की है रिपोर्ट.

केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग में 30 प्रतिशत से अधिक पद खाली: अध्ययन

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग के 156 पदों में से करीब 48 पद खाली हैं. वहीं 2005 से 2016 के बीच 2.5 करोड़ से अधिक आरटीआई आवेदन दायर.

आरटीआई में बदलाव से भ्रष्ट बाबुओं को जांच से बचने का मिलेगा मौका: सूचना आयुक्त

सूचना आयुक्तों को लिखे पत्र में श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि आरटीआई कानून के प्रावधानों में संशोधन के किसी भी प्रस्ताव पर जनता और विशेष तौर पर सूचना आयुक्तों के बीच व्यापक चर्चा के बिना विचार नहीं किया जाए.

केंद्रीय सूचना आयोग में क़रीब 24 हज़ार आरटीआई अपील और शिकायतें लंबित: सरकार

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि सरकार राज्य सूचना आयोगों में लंबित अपील या शिकायतों से संबंधित कोई आंकड़ा नहीं रखती है.

केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के खाली पद कब भरे जाएंगे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को चार हफ़्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.

सूचना आयुक्त ने की आरटीआई क़ानून में संशोधन की निंदा, कहा- बदलाव न किया जाए

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि आरटीआई एक्ट असल मायने में लोकतांत्रिक क़ानून है. सरकार सूचना आयुक्तों संबंधी संशोधन ला रही है लेकिन सूचना आयुक्तों से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया है.

आरटीआई एक्ट में संशोधन आम जनता के अधिकार और सूचना आयोग की स्वतंत्रता पर हमला है

वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन को लेकर सूचना के जन अधिकार आंदोलन (एनसीपीआरआई) की सदस्य अंजलि भारद्वाज और आरटीआई कार्यकर्ताओं से धीरज मिश्रा की बातचीत.

आरटीआई बिल में संशोधन को विशेषज्ञों ने सूचना आयोग की स्वतंत्रता पर हमला बताया

2009 से 2012 तक केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त रहे शैलेष गांधी का कहना है कि इस संशोधन के ज़रिये सरकार आरटीआई कानून में अन्य संशोधन करने का रास्ता खोल रही है.