‘जाने भी दो यारों’, ‘नुक्कड़’ और ‘वागले की दुनिया’ के निर्देशक कुंदन शाह का निधन

साल 2015 में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले 24 निर्देशकों में से कुंदन शाह भी एक थे.

हृषिकेश मुखर्जी: जिसने सिनेमा के साथ दर्शकों की भी नब्ज़ पढ़ ली थी

हृषिकेश सिनेमा के रास्ते पर आम परिवारों की कहानी की उंगली थामे निकले थे. ये समझाने कि हंसी या आंसुओं को अमीर-गरीब के खांचे में नहीं बांटा जा सकता.

यश चोपड़ा: संघ की शाखा से निकला रोमांटिक फिल्मकार

एक शाम किशोर यश चोपड़ा की भाभी ने खाना बनाने के लिए तंदूर में ज्यों-ही आग लगाई, एक बड़े विस्फोट से समूचा घर दहल उठा. तंदूर में यश ने दंगों में इस्तेमाल के लिए बनाए बम छिपाए हुए थे.

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