क्यों चुनाव आयोग की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ चुकी है?

बिना कोई कारण बताए चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफ़ा इस बात का नवीनतम उदाहरण है कि पिछले पांच वर्षों में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता कैसे संदेह के घेरे में आ गई है.

सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाना समझ से परे: अशोक लवासा

पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने एक आलेख में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने के क़ानून पर कहा है कि मोदी सरकार द्वारा नियुक्ति समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने से विभिन्न पूर्वाग्रहों को बल मिलता है और लगता है कि यह आम सहमति बनाने की बजाय बहुमत सुनिश्चित करने की कोशिश है. 

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त का इस्तीफ़ा, निर्वाचन आयोग में बस एक सदस्य बाक़ी

आम तौर पर निर्वाचन आयोग तीन आयुक्तों की अध्यक्षता में काम करता है, अब उसमें केवल एक सदस्य- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं.

क्या भारतीय स्टेट बैंक ‘प्रधानमंत्री चंदा छिपाओ’ योजना की तरह काम कर रहा है?

भारतीय स्टेट बैंक का सारा कामकाज डिजिटल प्रणाली से होता है. किसी भी तरह का रिकॉर्ड या जानकारी हासिल करना हो तो केवल एक क्लिक से हो जाता है. पर बैंक पूरे देश के सामने झूठ बोल रहा है कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी हासिल करने में काफी वक़्त लगेगा. यह झूठ किसके दबाव में बोला जा रहा है?

राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को प्राप्त होने वाला लगभग 60% धन ‘अज्ञात’ स्रोतों से होता है: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2022-23 में छह राष्ट्रीय दलों द्वारा आय के रूप में घोषित 3,076.88 करोड़ रुपये में से 59% से अधिक अज्ञात स्रोतों से आया था. इसमें से चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय का हिस्सा 1,510.61 करोड़ रुपये या 82.42% था. इसका बड़ा हिस्सा भाजपा को मिला.

भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी वेबसाइट से चुनावी बॉन्ड से जुड़े दस्तावेज़ डिलीट किए

सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े विवरण चुनाव आयोग को सौंपने की समयसीमा निकलने के बीच बैंक की वेबसाइट से चुनावी बॉन्ड से जुड़े कुछ दस्तावेज़ हटा दिए गए हैं. डिलीट किए गए वेबपेज में चंदा देने वालों के लिए निर्धारित दिशानिर्देश और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न या एफएक्यू शामिल हैं.

चुनावी बॉन्ड विवरण आसानी से उपलब्ध; एसबीआई ने कोर्ट से बहाना बनाया है: पूर्व वित्त सचिव

पहली बार चुनावी बॉन्ड पेश किए जाने के समय आर्थिक मामलों के सचिव रहे पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड की जानकारी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है, उपलब्ध कराने के लिए 'एक दिन से ज़्यादा के समय की ज़रूरत' नहीं है.

चुनावी बॉन्ड: एसबीआई की विवरण देने की सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा बीती, चुनाव आयोग ने चुप्पी साधी

एसबीआई ने 5 मार्च को शीर्ष अदालत से राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे या भुनाए गए सभी चुनावी बांड्स का विवरण देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. इसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.

चुनावी बॉन्ड की जानकारी छिपाने के लिए सरकार एसबीआई को ढाल बना रही है: कांग्रेस

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना का विवरण पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगने के बाद सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि इस विवरण का खुलासा करने में एसबीआई की अनिच्छा कुछ और नहीं बल्कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का एक प्रयास है.

धर्मस्थलों को प्रचार के लिए इस्तेमाल न करने की चुनाव आयोग की नसीहत का क्या अर्थ है?

चुनाव आयोग अपनी नई एडवाइज़री को लेकर वास्तव में गंभीर है तो उसका स्वागत किया जा सकता है. इसके बावजूद इस जवाब की दरकार रहेगी कि इस बार इसके अनुपालन के लिए उसने कौन-सी नई व्यवस्था बनाई है जिनसे आश्वस्त हुआ जा सके कि पिछली बार की तरह इस बार कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा?

चुनावी बॉन्ड: ‘सुप्रीम कोर्ट एसबीआई के मुंह में उंगली डालकर जानकारी निकलवा सकता है’

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट के चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने के बाद स्टेट बैंक ने इसके द्वारा मांगे गए विवरण देने के लिए जून तक की मोहलत मांगी है. इसे लेकर विभिन्न जानकारों ने सवाल उठाए हैं. इसी विषय में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज गोविंद माथुर से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पंपों पर ‘मोदी की गारंटी’ वाले होर्डिंग्स लगाने को कहा: रिपोर्ट

आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सरकारी पेट्रोल पंपों और ईंधन खुदरा विक्रेताओं से कल्याणकारी योजनाओं के मौजूदा होर्डिंग और बैनर हटाकर नए बैनर लगाने के लिए कहा है, जिसमें भाजपा का चुनावी नारा 'मोदी की गारंटी' लिखा है. साथ में सरकार की उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिलेंडर देते पीएम की तस्वीर भी है.

भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने के लिए कोर्ट से जून तक का वक़्त मांगा

15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते समय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को आदेश दिया था कि वह अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक दे, जिसे चुनाव आयोग 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट प्रकाशित करेगा.

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