चुनावी बॉन्ड चुनिंदा तरह से अज्ञात, सत्तारूढ़ दल दानदाताओं को जान सकता है, विपक्ष नहीं: कोर्ट

चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने चिंता जताई कि योजना से जुड़ी गोपनीयता समान नहीं है, जहां किसी विपक्षी दल को यह नहीं पता होगा कि दान देने वाला कौन है, पर विपक्षी दल को दान देने वालों का पता जांच एजेंसियों द्वारा लगाया जा सकता है.

चुनावी बॉन्ड आने के बाद अज्ञात स्रोतों से राजनीतिक दलों की आय बढ़कर कुल आय का 72% हुई: रिपोर्ट

2021-22 में आठ राष्ट्रीय दलों की कुल आय 3,289 करोड़ रुपये थी, जिसमें अज्ञात स्रोतों का हिस्सा 66% था. इस अवधि में भाजपा की कुल आय 1,917 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 1,161 करोड़ रुपये या 61% अज्ञात स्रोतों (अधिकांश चुनावी बॉन्ड) से मिले. इसके बाद टीएमसी थी, जिसकी कुल आय (546 करोड़ रुपये) का 97% अज्ञात स्रोतों से आया था.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एसबीआई ने 1,148 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, चुनावी बॉन्ड से मिले दान का ब्योरा तैयार रखें

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों की गुमनाम फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग पास चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दिए गए दान का विवरण होना चाहिए. इसे अदालत में अपने पास रखें. हम उचित समय पर इस पर गौर कर सकते हैं.

आईएएस अफ़सरों को ‘रथ प्रभारी’ बनाना न केवल अनैतिक, बल्कि ग़ैर-क़ानूनी भी है: पूर्व सचिव

सरकारी अधिकारियों को केंद्र सरकार के प्रचार अभियान में तैनात करने को लेकर भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित कर सकने वाली किसी गतिविधि में लोकसेवकों को शामिल करना चुनाव क़ानूनों का उल्लंघन है.

एक साथ चुनाव करवाने के लिए पर्याप्त ईवीएम जुटाने में चुनाव आयोग को सालभर लगेगा: रिपोर्ट

सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने के लिए ज़रूरी सेमीकंडक्टर और चिप्स की कमी है, जिसका अर्थ है कि एक साथ मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को तैयार होने में तक़रीबन एक साल तक का समय लगेगा.

मोदी सरकार के सरकारी अधिकारियों को ‘रथ प्रभारी’ बनाने के क़दम की आलोचना

17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में देरी के लिए चुनाव आयोग भाजपा से निर्देश ले रहा: उमर अब्दुल्ला

करगिल में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में देरी के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी दोषी ठहराया. अब्दुल्ला ने आयोग से चुनाव न कराने के कारणों को बताने के लिए कहा है.

जी-20 सम्मेलन के लिए छापी गई सरकारी बुकलेट में देश का आधिकारिक नाम ‘भारत’ बताया गया

दिल्ली में आयोजित जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार ने दो बुकलेट जारी की हैं, जिनमें से एक- 'भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी' शीर्षक वाली पुस्तिका के पहले पन्ने पर ही कहा गया है कि देश का आधिकारिक नाम 'भारत' है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ईवीएम सीरियल नंबर, निर्माताओं की जानकारी मांगने वाली याचिका ख़ारिज की

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख द्वारा दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि प्रथम स्तर की जांच (एफएलसी) पूरी होने से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम के सीरियल नंबर और निर्माताओं की जानकारी विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

चुनाव आयुक्त विधेयक पर सवाल: ‘अंपायर को टीम के कैप्टन के मातहत नहीं रखा जा सकता’

केंद्र के नए चुनाव आयुक्त विधेयक के बारे में क़ानून के जानकारों का कहना है कि इसका सबसे चिंताजनक पहलू चुनाव आयुक्तों के साथ-साथ मुख्य चुनाव आयुक्त का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर से घटाकर कैबिनेट सचिव के बराबर करना है क्योंकि सचिव स्पष्ट रूप से सरकार के अधीन होकर काम करते हैं.

‘चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक आयोग को पीएम के हाथ की कठपुतली बनाने का प्रयास है’

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक में कहा गया है कि आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति करेगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे. विपक्ष का कहना है कि यह क़दम चुनावों की निष्पक्षता को प्रभावित करेगा.

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाने के लिए नया विधेयक लाई सरकार

केंद्र सरकार के विधेयक में कहा गया है कि चुनाव आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति करेगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नियुक्ति समिति में पीएम और विपक्ष के नेता के साथ सीजेआई भी होंगे.

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