सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में डरा-धमकाकर और उपहारों के ज़रिये अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के सामूहिक धर्मांतरण, काले जादू, अंधविश्वास को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत द्वारा इस पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया गया.
केंद्र सरकार ने बीते पांच जनवरी को घोषणा की थी कि गाय की देसी नस्ल और इसके फायदे के बारे में रुचि पैदा करने की कोशिश के तहत 25 फरवरी को गौ-विज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा की यह कहते हुए आलोचना की जा रही थी कि यह अंधविश्वास फैलाने और देश में शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण करने की कोशिश है.
चित्तूर ज़िले में एक दंपति ने अपनी 22 और 27 वर्षीय बेटियों की कथित तौर पर इस उम्मीद में हत्या कर दी कि कलयुग, सतयुग में बदलने वाला है और दैवीय शक्ति से कुछ घंटों में वे वापस ज़िंदा हो जाएंगी. पुलिस ने बताया है कि यह दंपति काफ़ी शिक्षित हैं और स्थानीय संस्थानों में पढ़ाते हैं.
मामला शाहजहांपुर जेल का है, जहां 21 दिसंबर को जेल परिसर में क़ैदियों को कंबल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें आसाराम की तस्वीर वाला बैनर लगाया गया था. सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम की तस्वीर वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.
साल 2013 में आसाराम के आश्रम में पढ़ रही शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. अप्रैल 2018 में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. तब से आसाराम जेल में ही बंद हैं. शाहजहांपुर जेल में हुए कार्यक्रम को लेकर नाबालिग के पिता ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की थी.
अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. दाभोलकर के परिवार ने कहा है कि सीबीआई को इस साज़िश के मास्टरमाइंड को खोजना होगा, वरना तर्कवादी विचारकों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के लिए ख़तरा बना रहेगा.
ओडिशा में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोने के संदेह में तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है. वहीं बालासोर ज़िले में काला जादू करने के संदेह में एक वृद्ध और उनकी बेटी से मारपीट कर उन्हें गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
अहमदाबाद में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रहे दो बच्चे तीन जुलाई, 2008 को लापता हो गए थे. पांच जुलाई को साबरमती नदी के किनारे बच्चों के शव मिले थे. बच्चों के परिजनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बच्चों की हत्या का आरोप लगाया था.
जन्मदिन पर विशेष: लगभग पचास साल तक राजनीति में सक्रिय रहे रामस्वरूप वर्मा को राजनीति का ‘कबीर’ कहा जाता है. किसान परिवार मेें जन्मे वर्मा ने एक लेखक, समाज सुधारक और चिंतक के रूप में उत्तर भारत पर गहरा असर डाला.
अदालत ने जांच एजेंसियों से पूछा कि क्या अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी है या फिर अधिकारियों ने अपनी जांच मात्र मोबाइल फोन रिकॉर्ड तक सीमित कर दी है.
जन गण मन की बात की 265वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा नेताओं की विज्ञान विरोधी मानसिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
'आई नेक्स्ट' अख़बार ने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि ग्रह के त्रिकोण को ज़िम्मेदार बताते हुए लिखा कि इन ग्रहों के कारण आगे ऐसी और भी घटनाएं होने की आशंका है.
उमा भारती ने मध्य प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रीकाल में विधानसभा के अंदर आसाराम के प्रवचन कराए थे तो पूरे मंत्रिमंडल के साथ सत्ता पक्ष के सारे विधायकों के लिए उसे सुनना अनिवार्य कर दिया था.
भाजपा सचेतक ने कहा, ‘जहां विधानसभा है, वहां श्मशान था. मृत बच्चे दफ़नाए जाते थे. हो सकता है कि कोई आत्मा हो, जिसे शांति न मिली हो. इसीलिए सदन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे.’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, आपको ग़लत निर्णय लेने के लिए साहस की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आपने ग़लत निर्णय लिया है, यह स्वीकार करने का साहस होना चाहिए.