उमा भारती ने मध्य प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रीकाल में विधानसभा के अंदर आसाराम के प्रवचन कराए थे तो पूरे मंत्रिमंडल के साथ सत्ता पक्ष के सारे विधायकों के लिए उसे सुनना अनिवार्य कर दिया था.
तांत्रिकों के सान्निध्य में मंत्रियों का जाना और पाप-पुण्य के फेर में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना अंधश्रद्धा पर सरकारी मुहर लगाना है.