किसान आंदोलन: मशहूर हस्तियों द्वारा केंद्र के समर्थन में ट्वीट करने की जांच करेगी महाराष्ट्र सरकार

अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को मिले समर्थन के बाद कई भारतीय कलाकारों और खेल हस्तियों ने केंद्र सरकार के समर्थन वाले हैशटैग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि राज्य का ख़ुफ़िया विभाग कुछ हस्तियों पर ट्वीट के लिए दबाव डाले जाने के आरोपों की जांच करेगा.

फिल्म केसरी का भगवा रंग

फिल्में जितने लोगों तक पहुंचती हैं, कोई इतिहास की किताब नहीं पहुंचती. तो केसरी के बाद सारागढ़ी के युद्ध की जो रूपरेखा इस फिल्म दिखाई गई है, वही सार्वजनिक कल्पना में इतिहास का स्थान ले लेगी.

क्या अक्षय कुमार को दिया प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू पेड न्यूज़ नहीं है?

अक्षय कुमार के साथ प्रधानमंत्री मोदी के ग़ैर-राजनीतिक इंटरव्यू की तैयारी ज़ी न्यूज़ की संपादकीय टीम ने कराई. ज़ी की टीम ने शूट और पोस्ट प्रोडक्शन यानी एडिटिंग की. यह सीधा-सीधा पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. ज़ी न्यूज़ के तैयार कंटेंट को एएनआई से जारी करवाकर सारे चैनलों पर चलवाया गया. क्या इन चैनलों को नहीं बताना था कि यह कटेंट किसका है?

रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म ‘2.0’ पर रोक लगाने की मांग

सेल्युलर आॅपरेटर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने आरोप लगाया है कि मोबाइल टावर और स्मार्ट फोन से होने वाले रेडिएशन प्रभावों पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. इससे डर की स्थिति पैदा होगी.

बॉलीवुड का नया ‘आदर्श’ भारतीय, राष्ट्रवादी और सरकार का पैरोकार है

अब फिल्मों में एक नया तत्व दिखाई दे रहा है. यह है उग्र राष्ट्रवादी तेवर, जो न सिर्फ सोशल मीडिया और समाज के एक ख़ास वर्ग में दिखाई देने वाली भावावेश भरी राष्ट्रीयता से मेल खाता है, बल्कि वर्तमान सरकार के एजेंडे के साथ भी अच्छे से कदम मिलाकर चलता है.

चैनल ने कहा कि आप राहुल गांधी की मिमिक्री कर सकते हैं नरेंद्र मोदी की नहीं: श्याम रंगीला

स्टार प्लस ने अपने नए शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में शामिल हुए राजस्थान के कॉमेडियन श्याम रंगीला के मोदी के मिमिक्री वाले एक्ट का प्रसारण नहीं किया.

क्या अभिनेताओं ने छत्तीसगढ़ में बलात्कार पीड़ित आदिवासी महिलाओं के दर्द को महसूस किया है?

अक्षय कुमार और विवेक ओबरॉय छत्तीसगढ़ में सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं, उम्मीद है कि वे आदिवासी महिलाओं से होने वाली ज़्यादती से भी वाकिफ़ होंगे.

अक्षय को राष्ट्रीय पुरस्कार देने वाले जूरी अध्यक्ष बोले, दंगल सामाजिक मुद्दे पर बात नहीं करती

जूरी अध्यक्ष प्रियदर्शन ने कहा कि जब रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन को पुरस्कार दिया था तब किसी ने सवाल नहीं उठाया तो आज मुझ पर सवाल क्यों?

फिल्म इंडस्ट्री ने धमकी और ब्लैकमेलिंग के आगे झुकने की आदत बना ली है

आज ये फिल्मों और किताबों के बारे में है, कल ये पत्रकारिता या किसी और बारे में होगा. आज़ादी में हो रही इस दख़लअंदाज़ी के ख़िलाफ़ खड़ा होना अब ज़रूरी हो गया है.