हमारे मुल्क में ऐसे लोग सत्ता पर क़ाबिज़ हैं जो विज्ञान को आस्था का विषय मानते हैं

किसी भी देश या समाज का यह रवैया कि उसकी धार्मिक पुस्तक या मान्यताएं थियरी आॅफ एव्रीथिंग हैं और इनमें ही भूत, वर्तमान, भविष्य का सारा ज्ञान और विज्ञान निहित है, बहुत ही आत्मघाती है.

अतार्किकता और अवैज्ञानिकता के मामले में क्या हम पाकिस्तान बनने की ओर अग्रसर हैं?

भारत में बंददिमागी एवं अतार्किकता को जिस किस्म की शह मिल रही है और असहमति की आवाज़ों को सुनियोजित ढंग से कुचला जा रहा है, उसे रोकने की ज़रूरत है ताकि संविधान को बचाया जा सके.

यह वाकई ‘नया भारत’ है जो अंधविश्वास के रास्ते पर धड़ल्ले से आगे बढ़ रहा है

तांत्रिकों के सान्निध्य में मंत्रियों का जाना और पाप-पुण्य के फेर में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना अंधश्रद्धा पर सरकारी मुहर लगाना है.