वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 15 (4) राज्य को यह अधिकार देता है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष कानून बना पाए. संविधान में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्या कानून है, इसकी जानकारी दे रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
चौंतीस हज़ार गिरफ़्तारियों के रिकॉर्ड और पांच सौ एफआईआर पर आधारित रिपोर्ट बताती है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हाशिये पर रहने वाले समुदायों का अनुचित तरीके से अपराधीकरण करने में अपनी शक्तियों का मनमाना इस्तेमाल किया.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 41.55 फीसदी क़ैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है. 6.31 फीसदी क़ैदी ग्रेजुएट और 1.68 प्रतिशत पोस्ट-ग्रेजुएट हैं.
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि ओबीसी, एससी और अन्य श्रेणियों के क़ैदियों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में है, जबकि मध्य प्रदेश की जेलों में एसटी समुदाय की है. इसके अलावा देशभर की जेलों में कुल क़ैदियों में 95.83 फ़ीसदी पुरुष और 4.16 फ़ीसदी महिलाएं हैं.
कई छात्र संगठनों द्वारा प्रदेश के बाहर के असम राइफल्स के पूर्व कर्मचारियों को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल करने का विरोध किया जा रहा है. चांगलांग ज़िले के विजयनगर में ऐसे ही एक पूर्व कर्मी के पंचायत चुनाव का नामांकन पत्र भरने के ख़िलाफ़ एक छात्र संगठन की अगुवाई वाली भीड़ ने सरकारी दफ़्तरों में आग लगा दी और एक थाने में तोड़फोड़ की.
पिछले हफ़्ते राजस्थान में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित शिक्षक पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की भर्ती के लिए हुआ आंदोलन हिंसा में बदल गया था. हिंसा उदयपुर सहित प्रदेश के चार ज़िलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में फैल गई थी. इस दौरान दो लोगों की मौत भी हुई. क्षेत्र में अभी शांति है, लेकिन तनाव बरक़रार है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में भारत में महिलाओं एवं दलितों के खिलाफ अपराध में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.
लोकसभा में पेश रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने बताया कि 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीएसएनएल में एससी/एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी गई है.
बीते 20 मई को जारी किए राज्य सरकार के आदेश में केंद्र सरकार के 2018 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सभी सरकारी अधिकारी अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्यों के लिए 'दलित' या 'हरिजन' शब्द का उपयोग करने से बचेंगे क्योंकि इनका संविधान या क़ानून में कोई उल्लेख नहीं है.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर आदिवासी कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत यह ज़रूरी है कि आरोपी ने संबंधित समुदाय के किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर अपमानित करने के उद्देश्य से डराया-धमकाया हो.
कोर्ट ने कहा कि सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर इसकी समीक्षा करें ताकि जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिले और संपन्न या सक्षम लोग इस पर अधिकार जमाए न बैठे रहें.
साल 2000 में अविभाजित आंध्र प्रदेश ने आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों के 100 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द करते हुए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जिसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश बराबर-बराबर भरेंगे.
राजस्थान में अपराधों का सालाना आंकड़ा पेश करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बीते साल दर्ज मामलों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि पुलिस ने हर मामला दर्ज किया.
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि पिछले साल मार्च तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के कई वर्गों में कुल 6,83,823 ख़ाली पद थे. सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि सीबीआई में एक हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं.