एक याचिका की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि घर की चारदीवारी के भीतर, बिना किसी गवाह की अनुपस्थिति में अनुसूचित जाति/जनजाति के किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी अपराध के दायरे में नहीं आती है.
राजस्थान पुलिस के सर्कुलर में कहा गया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अभियुक्त को सीआरपीसी की धारा 41 ए का लाभ दिया जाना अधिनियम की मूल भावना के विपरीत है और इसके उद्देश्य को विफल करता है. कई समूहों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है.
आरोपियों ने घटना का एक वीडियो भी बना लिया था और पीड़िता को इसकी जानकारी किसी को भी देने पर वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी थी. पांचों आरोपी गिरफ़्तार.