सुप्रीम कोर्ट ने अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब 10,000 आवासीय निर्माण को हटाने के लिए हरियाणा और फ़रीदाबाद नगर निगम को दिए आदेश दिया है. इस बीच खोरी गांव के एक व्यक्ति की आत्महत्या का माला सामने आया है. परिजनों का कहना है कि मकान टूटने की आशंका से वह मानसिक तनाव में थे.

हरियाणा: सुप्रीम कोर्ट ने अरावली वन भूमि पर बने 10,000 रिहायशी निर्माण हटाने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों को फ़रीदाबाद ज़िले के लकड़पुर खोरी गांव के निकट वन भूमि से सभी अतिक्रमण छह हफ़्त के भीतर हटाने और मामले की अगली सुनवाई तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि भूमि हथियाने वाले निष्पक्ष सुनवाई के लिए क़ानून के शासन का सहारा नहीं ले सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा, अरावली को कुछ भी किया तो आप मुसीबत में होंगे

हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने पंजाब भूमि संरक्षण कानून, 1900 में संशोधन कर दिया था. आरोप है कि इससे हज़ारों एकड़ वन भूमि क्षेत्र रियल इस्टेट की गतिविधियों के लिए खोल दी गई है. स्थानीय नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता इस संशोधन का विरोध कर रहे हैं.

अरावली की 31 पहाड़ियां ग़ायब, क्या लोग हनुमान हो गए हैं जो पहाड़ियां ले जा रहे हैं: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकार प्राप्त समिति ने कहा था कि अरावली क्षेत्र में 128 पहाड़ियों में से 31 पहाड़ियां ग़ायब हो गई हैं, जिस पर अदालत ने 48 घंटों के भीतर अवैध खनन बंद करने का आदेश दिया है.