मूल देश अवैध प्रवासियों को वापस लेने को तैयार नहीं तो उन्हें कैसे संभाला जाएगा: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट पिछले कई वर्षों से एक आफ्टर केयर होम में रखे गए पटना रेलवे स्टेशन से गिरफ़्तार दो महिला बांग्लादेशी प्रवासियों- मरियम ख़ातून और मौसमी ख़ातून की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. हाईकोर्ट ने डिटेंशन सेंटर और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार से हलफ़नामा दाख़िल करने को कहा है.

असम में 86 हज़ार से अधिक लोगों को बीते पांच वर्षों में विदेशी घोषित किया गया: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया कि असम में विदेशी नागरिकों से जुड़े मामलों का निस्तारण करने वाले न्यायाधिकरण के समक्ष ‘डाउटफुल वोटर्स’ के 83,008 मामले लंबित हैं.

आपराधिक मामले के आरोपी विदेशी नागरिकों को ज़मानत बाद डिटेंशन सेंटर में रखें: कर्नाटक हाईकोर्ट

साल 2018 में गिरफ़्तार किए गए एक कथित बांग्लादेशी नागरिक और उनकी बेटी को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे नागरिकों के बरी या रिहा होने के बाद भी प्रशासन द्वारा उचित ट्रिब्यूनल के सामने ऐसे लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करना आवश्यक

पिछले साल दिसंबर में दिल्ली स्थिति रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में एनआरसी लागू करने की बात को खारिज करते हुए कहा था कि 2014 से लेकर अब तक में कहीं भी ‘एनआरसी’ शब्द पर चर्चा नहीं हुई है.

असम: बीएसएफ सब इंस्पेक्टर और उनकी पत्नी विदेशी घोषित

इससे पहले विदेशी नागरिक प्राधिकरण कारगिल युद्ध में भाग ले चुके मोहम्मद सनाउल्लाह और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान मामुद अली को भी विदेशी घोषित कर चुका है. सनाउल्ला की घटना के तुरंत बाद, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी.

असम: एनआरसी के ख़िलाफ़ एबीवीपी का विरोध-प्रदर्शन, कहा- मूल निवासियों के नाम छूटे

एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.

एनआरसी की अंतिम सूची में छूटे लोगों के लिए अपील करने की व्यवस्था करेगी सरकार: गृह मंत्रालय

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.

गृह मंत्रालय द्वारा 1964 के विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में किए गए बदलावों का अर्थ क्या है?

बीते मई में विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में हुए संशोधन ने विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए देश भर में ऐसे न्यायाधिकरण खोले जाने की संभावना के बारे में बहस की शुरुआत की, जिसके बाद इसे लेकर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. जानिए क्या हैं विदेशी न्यायाधिकरण और इससे जुड़े नियम.

कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले ऑफिसर विदेशी घोषित, परिवार समेत नज़रबंदी शिविर भेजा गया

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित मोहम्मद सनाउल्लाह को असम फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया. उन्हें गोलपाड़ा के हिरासत केंद्र में भेजा गया. सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह ट्रिब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गौहाटी उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.

दिल्ली से अवैध प्रवासियों को निकालने के लिए एनआरसी जैसे क़दम की ज़रूरत: मनोज तिवारी

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे स्थानीय निवासियों ने बताया कि बेटी से छेड़खानी का विरोध करने पर ध्रुव त्यागी की हत्या में अवैध रोहिंग्या या बांग्लादेशी हो सकते हैं.

बीते दस साल में बांग्लादेश से नहीं हुई कोई घुसपैठ: भाजपा प्रवक्ता

भाजपा प्रवक्ता स्वप्निल बरुआ ने कहा कि आर्थिक कारणों से बांग्लादेशी भारत नहीं आ रहे हैं. यूरोप और खाड़ी के देशों में उन्हें कम से कम 3000 रुपये रोज़ मिलते हैं जबकि भारत में वे अधिकतम हज़ार रुपये ही कमा सकते हैं. ऐसे में वे यहां क्यों आएंगे.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: हाईकोर्ट ने मणिपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी को निलंबित किया

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के प्रमुख समाचार.

एनआरसी की जड़ें असम के इतिहास से जुड़ी हुई हैं

असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?