अधिकारियों के अनुसार ईमेल समेत अन्य स्रोतों से जुटाई गईं जानकारियों से यह पता चला है कि 2017 की शुरुआत में एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी.
एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिहिर शर्मा ने लिखा है कि रिजर्व बैंक अपने मुनाफे से हर साल सरकार को 50 से 60 हज़ार करोड़ रुपये देती है. उसके पास साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिज़र्व है. सरकार चाहती है कि इस रिज़र्व से पैसा दे ताकि वह चुनावों में जनता के बीच गुलछर्रे उड़ा सके.
पूर्व स्वतंत्र निदेशकों ने क़र्ज़ के तले डूबे समूह के नए चेयरमैन उदय कोटक को लिखा ख़त, बदलाव प्रयासों में समर्थन का दिया भरोसा.
बेस्ट ऑफ 2018: इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से जुड़ी सरकारी क्षेत्र की कंपनी आईएल एंड एफएस अपने क़र्ज़ों की किस्त नहीं चुका पा रही है. इसके चलते न केवल कई बड़े बैंक संकट में पड़ गए हैं बल्कि प्रोविडेंट फंड और पेंशन फंड में पैसा लगाने वाले आम लोगों की मेहनत की कमाई भी दांव पर लगी है.