बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को लेकर प्रशांत किशोर पर आइडिया चोरी करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है.
जदयू से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की' कैंपेन शुरू किया है. उनका कहना है कि इसके ज़रिये वे सकारात्मक राजनीति करने के इच्छुक युवाओं को जोड़ना चाहते हैं. कैंपेन के तहत उनके द्वारा दिए जा रहे आंकड़े बिहार की एनडीए सरकार के राज्य में पिछले 15 सालों में हुए विकास के दावों पर सवाल उठाते हैं.
राजनीतिक रणनीतिकार और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का चुनावी अभियान संभाला था. इस समय वे 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के साथ काम कर रहे हैं.
विशेष रिपोर्ट: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली और अब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है.
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि किशोर की नियुक्ति से पार्टी को अपना जनाधार व्यापक बनाने में मदद मिलेगी.
प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से प्रचार कर चुके हैं.