पुलवामा के पिंगलान इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की थी. इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है.
पुलवामा ज़िले के सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के ख़िलाफ़ जम्मू में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं थीं, जिसके चलते शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में गिरफ़्तारियां हुई हैं.
किसी आतंकी हमले के बाद निंदा और बदले के बजाय इंसाफ़ और समाधान की बात क्यों नहीं की जाती? अभी जिस बदले की हमारे सत्ताधीश बात कर रहे हैं, कभी उन्होंने इस बात पर ग़ौर किया है कि क्या उसका कोई सार्थक परिणाम निकलेगा?
पुलवामा आतंकी हमले के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने राज्य में कश्मीर के 12 छात्रों की पिटाई कर दी थी. इसके बाद से ही राज्य में कश्मीरी छात्रों के बीच डर का माहौल है. हालांकि पुलिस ऐसी किसी घटना से इनकार कर रही है.
आख़िर क्यों स्थानीय कश्मीरी, जो अपेक्षाकृत रूप से पढ़े-लिखे और संपन्न हैं, इस तरह अपनी जान दांव पर लगाने को तैयार हो जाते हैं?
एहतियात के तौर पर श्रीनगर में डेटा स्पीड को घटाकर 2जी स्तर का कर दिया गया. गुरुवार को पुलवामा ज़िले में हुए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के तकरीबन 40 जवान शहीद हो गए थे.
अधिकारियों ने इस हमले को 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला बताया है. धमाका पुलवामा ज़िले के श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुआ. बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या.