चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवारों और दलों को व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों तथा लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीख़ों पर अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा.
महाराष्ट्र सरकार की दलील, आपराधिक रिकॉर्ड वालों की जान को ख़तरा उनकी करनी का नतीजा है.
केंद्र ने कोर्ट में कहा, दोषी नेताओं पर उम्र भर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध विचार योग्य नहीं, चुनाव आयोग दोषी विधायकों सांसदों पर आजीवन प्रतिबंध के पक्ष में.