1984 नरसंहार: सज्जन कुमार के बाद अब पुलिस की जवाबदेही तय करने का वक़्त है

भारतीय लोकतंत्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह के जघन्य अपराध भुलाए नहीं जाएंगे और दोषी किसी क़ीमत पर नहीं बचेंगे.