आर्थिक विकास के मॉडल से आर्थिक निराशा वाला कलहपूर्ण बहुसंख्यक देश बन रहा भारत: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा महात्मा गांधी के भारत पर एक धब्बा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर्फ कथनी से ही नहीं, बल्कि करनी से भी राष्ट्र को विश्वास दिलाना चाहिए.

अगर मंत्री नहीं होता तो एयर इंडिया के लिए बोली लगाता: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एयर इंडिया के पास काफी अच्छे विमान हैं, इस लिहाज से यह किसी सोने की खान से कम नहीं है.

वित्त वर्ष 2019-20 में 16 लाख नौकरियां कम हो सकती हैं: रिपोर्ट

एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 16 लाख कम नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में कुल 89.7 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए थे.

देश में आर्थिक नरमी के लिए केवल वैश्विक कारक पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं: शक्तिकांत दास

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बुनियादी ढांचे पर खर्च आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है. वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यस्थाओं द्वारा समन्वित और समयबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है.

बड़ी मंदी की ओर बढ़ रहा भारत, आईसीयू में जा रही अर्थव्यवस्था: पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार

नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहते हुए अरविंद सुब्रमण्यन ने दिसंबर 2014 में दोहरे बैलंस शीट की समस्या उठाई थी, जिसमें निजी उद्योगपतियों द्वारा लिए गए कर्ज बैंकों के एनपीए बन रहे थे. सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से दोहरे बैलेंस शीट के संकट से जूझ रही है.

सभी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन होना अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत आर्थिक मंदी के घेरे में है. आर्थिक सुस्ती को दूर करने की शुरुआत के लिए यह जरूरी है कि मोदी सरकार सबसे पहले समस्या को स्वीकार करे.

सितंबर महीने में 4.3 फीसदी की कम हो गया औद्योगिक उत्पादन, आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर महीने में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 20.7 प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.9 प्रतिशत, बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.6 प्रतिशत घट गया.

सितंबर में प्रमुख क्षेत्रों के उत्पादन में 5.2 फीसदी की गिरावट

कोयला उत्पादन में 20.5 फीसदी, कच्चे तेल में 5.4 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 4.9 फीसदी तक की कमी आई. विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़ें आर्थिक मंदी की गंभीरता के संकेत हैं.

बेरोज़गारी और सुस्त आर्थिक वृद्धि की वजह से खाड़ी के कई देशों में अशांति: आईएमएफ

आईएमएफ की ओर से कहा गया है कि कई अरब देशों में प्रति व्यक्ति क़र्ज़ बहुत ही ज़्यादा बढ़ गया है. यहां जीडीपी का औसतन 85 प्रतिशत क़र्ज़ है. वहीं लेबनान और सूडान में यह क़र्ज़ जीडीपी का 150 प्रतिशत से ज़्यादा पहुंच चुका है.

आर्थिक सुस्ती को लेकर शिवसेना का सरकार पर तंज़, इतना सन्नाटा क्यों है भाई..?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में फिल्म शोले के इस डायलॉग से देश में आर्थिक सुस्ती और त्योहारों के मौके पर बाज़ारों से ग़ायब रौनक के लिए सरकार के नोटबंदी और ग़लत तरीके से जीएसटी को लागू करने को ज़िम्मेदार बताया है.

बहुसंख्यकवाद और अधिनायकवाद भारत को अंधेरे रास्ते पर ले जा रहा है: रघुराम राजन

अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में एक लेक्चर के दौरान पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बिना सोच-विचार के नोटबंदी लाने और बुरी तरह से जीएसटी लागू करने की वजह से भारत इस समय आर्थिक सुस्ती की दौर से गुजर रहा है.

बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा, सावन-भादो के महीने में हर साल रहती है मंदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचा कर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं.