त्योहारों की साझा संस्कृति और साझा ऐतिहासिक चेतना आज कहां है

क्या हम पहले के मुकाबले भावनात्मक रूप से अधिक असुरक्षित हो गए हैं? क्या हमारा भाव जगत पहले की तुलना में कहीं संकुचित हो गया है? किसी भी अन्य समुदाय के त्योहार में साझेदारी करने में अक्षम या उस दिन को हथिया लेने की जुगत लगाते हुए क्या हम हीन भावना के शिकार होते जा रहे हैं?

कश्मीर की दिवाली अंधेरी क्यों?

वीडियो: जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के बाद वहां लागू प्रतिबंधों की वजह से लोग न तो ठीक से ईद मना पाए और न ही दिवाली. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

घृणा और हिंसा फैलाने वाली ताकतों को भारत अपने पास फटकने नहीं देगा: सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत में कोई भी धार्मिक त्योहार, चाहे दीवाली हो या क्रिसमस या ईद-उल-फितर सभी लोगों को एक साथ लाते हैं.

कश्मीर में संघर्ष विराम ख़त्म, आतंकियों के ख़िलाफ़ फिर शुरू होगा अभियान: गृह मंत्रालय

जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी और सेना के जवान औरंगज़ेब की हत्या के बाद रमज़ान के महीने मेें शुरू किए गए ​एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि को आगे बढ़ाने से गृह मंत्रालय ने इनकार ​कर दिया है.

‘वसुधैव कुटुंबकम की परंपरा से आने वाले भूल गए हैं कि मेहमानों का स्वागत कैसे करना चाहिए’

कैंपस की कहानियां: इस विशेष सीरीज़ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र अंकित पाठक अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.

जब जुनैद का परिवार ईद नहीं मना सका तो मैं दीवाली कैसे मनाऊं?

दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर लिखती हैं, ‘मेरे लिए महज एक हिंदू होने से ज़्यादा ज़रूरी इंसान होना है. इस साल दीवाली पर मेरे घर में तो अंधेरा रहेगा, लेकिन मेरे मन का कोई कोना ज़रूर रोशन होगा.’

अगर सड़क पर नमाज़ नहीं रोक सकता तो थानों में जन्माष्टमी रोकने का अधिकार नहीं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवड़ यात्रा में डमरू और माइक नहीं बजेगा, लोग नाचेंगे-गाएंगे नहीं तो यात्रा कांवड़ यात्रा कैसे होगी? शव यात्रा हो जाएगी.

गांव वही था, लोग भी वही थे, मगर ईद वह नहीं थी

अपने हिंदू दोस्तों को ईद की दावत दी. सबने चिकन-मटन खाने से मना कर दिया. ये वही दोस्त थे जो इसके पहले सिर्फ़ इस शर्त पर आते थे कि चिकन-मटन खाने को मिलेगा.

ईद: देश के कई हिस्से में काली पट्टी बांधकर मनाया त्योहार, कश्मीर में हिंसक झड़प

हरियाणा के खंदावली गांव के किशोर जुनैद की ईद के दो दिन पहले चलती ट्रेन में पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके विरोध में गांव वालों ने ईद नहीं मनाई.

क्या यह दावा कमज़ोर हुआ है कि हिंदू बहुसंख्यक हैं इसलिए देश धर्मनिरपेक्ष है?

2017 की ढलती जून की इस सुबह ईद मुबारक कहना झूठी तसल्ली जान पड़ती है, एक झूठा आश्वासन, सच्चाई से आंख चुराना! सच यह है कि यह ईद मुबारक नहीं है.