हालांकि किसानों की ये क़र्ज़ माफ़ी वास्तविकता के बजाय काग़ज़ों पर ही अधिक हुई हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक क़र्ज़ माफ़ नहीं किए जा सके हैं. सबसे ख़राब प्रदर्शन मध्य प्रदेश का रहा है. मध्य प्रदेश में महज़ 10 प्रतिशत क़र्ज़ माफ़ किए गए हैं.
जब लोग बिस्किट का एक पैकेट खरीदने से पहले भी सोचने लगें, तब एक गहरे आर्थिक संकट की दस्तक सुनना ज़रूरी हो जाता है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की घोषणा. बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर का पूरा प्रबंधन और प्रशासन यही समिति करती है.
कृषि मामलों के विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि किसान क़र्ज़ माफ़ी के हकदार हैं. इससे निश्चित तौर पर किसानों को राहत मिली है लेकिन यह थोड़ी ही है, किसानों के लिए देश में बहुत कुछ और करने की आवश्यकता है.
सरकार सरकारी बैंकों में एक लाख करोड़ रुपये क्यों डाल रही है? किसान का लोन माफ़ करने पर कहा जाता है कि फिर कोई लोन नहीं चुकाएगा. यही बात उद्योगपतियों के लिए क्यों नहीं कही जाती?
मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.
क्या गांधी जीडी बिड़ला के किसी खनन प्रोजेक्ट के चलते लोगों को हटाने के लिए सरकारी तंत्र द्वारा की जा रही हिंसा का समर्थन करते? गांधी-बिड़ला के रिश्ते को किसी जवाबी हमले की तरह इस्तेमाल करने के बजाय प्रधानमंत्री को इस पर गहराई से सोचने की ज़रूरत है.
एक महीने में छठी बार उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हिंदुस्तान को बनाने में उद्योगपतियों की भी अहम भूमिका है उन्हें अपमानित करना पूर्णतया ग़लत है. कुछ लोग उद्योगपतियों के साथ फोटो खिंचाने से डरते हैं.
अन्ना बोले, दोनों उद्योगपतियों के हिसाब से काम करते हैं. इस बार किसान के हित में सोचने वाली सरकार चाहिए. देश में 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
कांग्रेस ने पूछा, कोई ऋण माफ नहीं किया गया है, यह कहकर जेटली 125 करोड़ भारतीयों की समझदारी का अपमान क्यों कर रहे हैं?
अपने गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना ने कहा, 22 वर्षों में 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की, कितने उद्योगपतियों ने आत्महत्या की?
उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार की कुल संपत्ति तकरीबन 1241 अरब रुपये से बढ़कर लगभग 2926 अरब रुपये हो गई है.
पार्टियों को चार साल में कॉरपोरेट से 957 करोड़ रुपये का चंदा, इसमें से सबसे ज़्यादा 705.81 करोड़ भाजपा को मिला है.
10 बड़े बिजनेस समूहों पर 5 लाख करोड़ का कर्ज़ बक़ाया है. इन पांच लाख करोड़ के लोन डिफॉल्टर वालों के यहां मंत्री से लेकर मीडिया तक सब हाजिरी लगाते हैं.