अंधविश्वास मुक्त समाज पर दिया गया संबोधन था कलबुर्गी की हत्या की वजह: आरोप पत्र

तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही एसआईटी ने स्थानीय अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि कलबुर्गी के हत्या करने वाले कथित तौर पर हिंदू चरमपंथी संगठन सनातन संस्था की किताब से प्रेरित थे.

एमएम कलबुर्गी पर गोली चलाने वाले को उनकी पत्नी ने पहचाना

अगस्त 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की उनके घर के दरवाज़े पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि पुलिस की शिनाख़्त परेड में उनकी पत्नी ने सनातन संस्था से जुड़े एक आरोपी को पहचान लिया है.

एमएम कलबुर्गी के हत्यारों ने हत्या से पहले ‘ट्रेनिंग कैंप’ में प्रशिक्षण लिया था: रिपोर्ट

हत्यारों को जिस जगह कथित तौर पर प्रशिक्षण दिया गया था, वो जगह सनातन संस्था और इससे संबद्ध हिंदू जनजागृति समिति से जुड़े हुए एक बिजनेसमैन की है.

कलबुर्गी हत्याकांड: गौरी लंकेश मामले को देख रही एसआईटी को जांच का ज़िम्मा

कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.

सुप्रीम कोर्ट की कर्नाटक सरकार को फटकार, पूछा- कलबुर्गी हत्याकांड की जांच कब तक पूरी होगी

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी? कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है.

केंद्र ने न्यायालय से कहा: एनआईए एमएम कलबुर्गी हत्याकांड की जांच नहीं कर सकता

केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि एनआईए इसलिए जांच नहीं कर सकती क्योंकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली विशेष एजेंसी है.

कलबुर्गी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र-कर्नाटक सरकार समेत एनआईए और सीबीआई को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी द्वारा दायर एसआईटी जांच की याचिका पर इन सभी को 6 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है.

हत्यारों की भीड़ इस देश की नुमाइंदगी नहीं करती

अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.

भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता और नफ़रत का जिन्न छोड़ दिया है

आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.

ये जो भक्त हैं, ये उन्हीं का वक़्त है

वे हत्या के पक्ष में दलीलें देने लगे. वे हत्यारों को बधाइयां देने लगे. उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को सिर्फ जायज़ नहीं ठहराया. वे हत्या के बाद ठंडी पड़ चुकी उस लाश को गालियां देने लगे. जैसे वे उस पर और गोलियां चलाना चाहते हों.

गौरी लंकेश जैसी हत्याएं जारी रहेंगी क्योंकि हत्यारों को पता है कि उन्हें माफ़ कर दिया जाएगा

गौरी की हत्या एक चेतावनी है. हत्यारों को पता है कि वे सुरक्षित हैं. वे बेखौफ़ होकर अपना काम करते रहेंगे.

भाजपा नेता बोले, गौरी लंकेश आरएसएस के ख़िलाफ़ न लिखतीं तो ज़िंदा होतीं

भाजपा विधायक डीएन जीवराज ने कहा कि गौरी लंकेश जिस तरह लिखती थीं, वो बर्दाश्त के बाहर था. गौरी मेरी बहन जैसी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने लिखा, वो स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

वो कौन लोग हैं जो एक निहत्थी महिला की हत्या का जश्न मना रहे हैं?

हमने बचपन से सुना था कि किसी की मौत के बारे में बुरा मत बोलो क्योंकि मरा आदमी अपनी सफाई नहीं दे सकता. पर ये लोग तो जैसे मरने का इंतज़ार कर रहे थे. ये कहां पले-बढ़े हैं, ये कहां से आते हैं?