मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की 17 करोड़ की संपत्ति जब्त की

ईडी द्वारा खाते फ्रीज़ किए जाने के बाद बीते साल सितंबर महीने में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में अपना काम बंद किया था और इसके लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया था.

एमनेस्टी ने भारत में बैंक खातों पर रोक को कामकाज बंद करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की शीर्ष अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों पर अमेरिकी संसद की सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि एक साल तक भारत सरकार द्वारा जारी धमकियां, एमनेस्टी इंडिया के दफ़्तरों पर हमले, कर्मचारियों और बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ आदि के बाद यह कदम उठाया गया.

विरोधियों ने साज़िश के तहत भारत में जन्म लिया है, जिससे वे सरकार का विरोध कर सकें…

जनता के हर विरोध को अपराध ठहराया जा रहा है. वह दिन दूर नहीं है जब सरकार भारतीयों को यह बताएगी कि उनका बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ बोलना, किसानों का सरकार के ख़िलाफ़ खड़े होना, सब कुछ अंतरराष्ट्रीय साज़िश है. भारत में जन्म लेना भी एक षड्यंत्र घोषित किया जा सकता है.

एमनेस्टी इंडिया: 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत सरकार की कार्रवाई की निंदा की

इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

गृह मंत्रालय ने कहा, एमनेस्टी की ​गतिविधियां क़ानून का उल्लंघन, यूरोपीय संघ ने जताई चिंता

सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भारत में अपना काम रोकने की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि मानवाधिकार देश के क़ानून को तोड़ने का बहाना नहीं हो सकता है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में काम बंद किया, केंद्र सरकार को ठहराया ज़िम्मेदार

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने देश में अपना काम बंद करने का यह क़दम ईडी द्वारा उसके खातों को फ्रीज किए जाने के बाद उठाया है. संगठन के इस क़दम से क़रीब 150 कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी.

एफसीआरए उल्लंघन को लेकर एमनेस्टी पर मामला दर्ज कर सीबीआई ने दिल्ली और बेंगलुरु में की छापेमारी

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान जब भी एमनेस्टी इंडिया भारत में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा हुआ है और बोला है तब उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.

आरटीआई इस्तेमाल की गति धीमी, 14 साल में महज 2.5 फीसदी लोगों ने किया उपयोग: रिपोर्ट

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा जारी रिपोर्ट में सूचना आयोगों में पदों की रिक्ति को आरटीआई की सक्रियता के लिए बाधक बताया गया है. राज्यों के मामले में उत्तर प्रदेश ने 14 साल में एक भी वार्षिक रिपोर्ट पेश नहीं की है, जबकि बिहार सूचना आयोग की अब तक वेबसाइट भी नहीं बन पायी है.

जम्मू कश्मीर: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन को प्रेस कॉन्फ्रेंस की नहीं मिली इजाज़त

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के कथित दुरुपयोग पर रिपोर्ट जारी करने के लिए प्रशासन द्वारा श्रीनगर में प्रेस वार्ता की अनुमति नहीं दी गई. संगठन ने राज्य में 42 साल से लागू इस क़ानून को ख़त्म करने की मांग की है.

मानवाधिकार संगठनों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही केंद्र सरकार: एमनेस्टी

प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनिमय धोखाधड़ी के एक मामले में मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के दो ठिकानों पर छापा मारा था.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए यूपी सरकार के प्रयास अपर्याप्त: एमनेस्टी

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा है कि अपने घरों से विस्थापित हुए दंगा पीड़ित अब भी पुनर्वास कॉलोनियों में गंदगी के बीच रह रहे हैं जबकि सामूहिक बलात्कार की शिकार सात महिलाओं को अब भी न्याय का इंतज़ार है.

क्या ‘मैं भी अर्बन नक्सल’ का नारा बुनियादी सवालों से दूर ले जा रहा है?

सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हालिया कार्रवाई के ख़िलाफ़ जो जनाक्रोश उभरा है उसमें ‘नक्सल’ शब्द और इसके पीछे के ठोस ऐतिहासिक संदर्भों को बार-बार सामने रखना ज़रूरी है ताकि यह शब्द महज़ एक आपराधिक प्रवृत्ति के तौर पर ही न देखा जाए बल्कि इसके पीछे मौजूद सरकारों की मंशा भी उजागर होती रहे.

मैं भी ‘अर्बन नक्सल’ हूं!

दलितों और पिछड़ों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर, उन पर ‘माओवादी’ का लेबल लगाकर सरकार दलित महत्वकांक्षाओं का अपमान करती है, साथ ही दूसरी ओर दलित मुद्दों के प्रति संवेदनशील दिखने का स्वांग भी रचती है.

अचानक इतने सारे ‘अर्बन नक्सल’ कहां से प्रकट हो रहे हैं?

पुलिस और कुछ टेलीविजन चैनलों के आपसी मिलीभगत से जिस तरह से वर्तमान समय में एक बड़े और लगातार विकसित हो रहे ‘अर्बन नक्सल’ (शहरी माओवादी) के नेटवर्क के प्रेत को खड़ा किया जा रहा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि हम फासीवाद की तरफ काफी तेजी से छलांग लगा रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों को ख़तरा: एमनेस्टी, ऑक्सफेम

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और ऑक्सफेम इंडिया की प्रतिक्रिया पुणे पुलिस द्वारा भीमा-कोरेगांव घटना के संबंध में कई मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों पर की कार्रवाई के बाद आई है.